रायसेन, 01 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 जिला रायसेन के न्यायालय ने अवयस्क बालिका के साथा गलत काम करने वाले आरोपी सत्यम पुत्र वृन्दावन शर्मा उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम रतातलाई, जिला रायसेन एवं दूसरे प्रकरण में अंतिम पुत्र प्रतापसिंह पटेल उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम खानपुर, बेगमगंज, जिला रायसेन द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त कर दिए हैं। दोनों प्रकरणों में राज्य की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन श्रीमती भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्या के अनुसार प्रथम प्रकरण में घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सात नवंबर 2021 को नाबालिग पीडि़ता को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया और उसके साथ जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बनाए तथा जान से मारने की धमकी दी। जिस पर से महिला थाना रायसेन में अपराध क्र.29/2021 धारा 363, 366ए, 376(3), 342, 506, 34 भादंसं, पॉक्सो एक्ट तथा 3(2)(व्ही) एससी/एसटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में विवेचना जारी है। न्यायालय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आरोपी द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके विरुद्ध अभियोजन पक्ष की तरफ से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन श्रीमती भारती गेडाम द्वारा आपत्ति ली गई। आरोपी के पीडि़ता के मोहल्ले में ही निवासरत होने तथा उसके द्वारा पीडि़ता पर राजीनामा का दबाव डालने की संभावना होने के कारण पीडि़ता द्वारा स्वयं उपस्थित होकर जमानत के विरुद्ध आपत्ति ली गई। प्रकरण की गंभीर तथा संवेदनशील परिस्थितियों को देखते हुए न्यायालय ने आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त कर उसका जेल वारंट जारी कर जेल भेज दिया है।
वहीं दूसरे प्रकरण में घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आरोपी 10 सितंबर 2021 को नाबालिग पीडि़ता को बहला फुसलाकर शादी का प्रलोभन देकर भगाकर लखनऊ ले गया तथा उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। जिस पर से थाना बेगमगंज में अपराध क्र.267/2021 धारा 363, 366, 376(2)(एन) भादंसं, 5एल/6 पॉक्सो एक्ट तथा 3(1)(2)(आईआई), 3(2)(व्हीए) एससी/ एसटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण में विवेचना जारी है। न्यायालय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में प्रथम दृष्ट्या आरोपी द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुजत किया गया, जिसके विरुद्ध अभियोजन पक्ष की तरफ से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन श्रीमती भारती गेडाम ने आपत्ति ली। आरोपी के पीडि़ता के मोहल्ले में ही निवासरत होने, भविष्य खराब होने तथा उसके द्वारा पीडि़ता पर राजीनामा का दबाव डालने की संभावना होने के कारण पीडि़ता द्वारा स्वयं उपस्थित होकर जमानत के विरुद्ध आपत्ति ली गई। प्रकरण की गंभीर तथा संवेदनशील परिस्थितियों को देखते हुए न्यायालय ने आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त कर उसका जेल वारंट जारी कर जेल भेज दिया है।