भिण्ड, 30 अक्टूबर। राज्य भर के विद्यालयों के शिक्षक ई-अटेंडेंस प्रणाली को लेकर नाराज हैं। शिक्षकों ने इस व्यवस्था को उनके गरिमा (सम्मान) के खिलाफ बताया है और इसे तत्काल सुधारने की मांग की है। शिक्षकों ने इस संबंध में प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव को पत्र भेजकर अपनी समस्याओं और सुझावों को सामने रखा है। उनका कहना है कि यह प्रणाली केवल शिक्षकों के लिए लागू की गई है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानो शिक्षक अपने अध्यापन कार्य को गंभीरता से नहीं लेते।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि ई-अटेंडेंस प्रणाली की कई तकनीकी कमियां शिक्षकों को अनावश्यक परेशान कर रही हैं। सबसे बड़ी समस्या नेटवर्क की दिक्कतों से जुड़ी हैं- कई विद्यालय ऐसे क्षेत्रों में हैं जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर रहती है। इस कारण कई बार शिक्षक समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाते और सिस्टम में उनकी अनुपस्थिति दर्ज हो जाती है, जबकि वे विद्यालय में उपस्थित रहते हैं। इसके साथ ही शिक्षकों ने यह भी चिंता जताई है कि ई-अटेंडेंस के लिए उपयोग किए जा रहे मोबाइल एप पर सभी कर्मचारियों का व्यक्तिगत डेटा संग्रहित रहता है, जिससे डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
संगठन के संभागीय संयोजक पुरुषोत्तम श्रीवास ने बताया कि पूर्व में विद्यालयों में मोबाइल फोन का उपयोग सीमित करने के निर्देश दिए गए थे ताकि शिक्षण कार्य पर पूरा ध्यान दिया जा सके, लेकिन अब उसी मोबाइल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना शिक्षकों के लिए विरोधाभासी स्थिति पैदा कर रहा है। शिक्षकों ने मांग की है कि सरकार ई-अटेंडेंस प्रणाली की समीक्षा कर, उसमें आवश्यक तकनीकी सुधार करे ताकि यह व्यवस्था शिक्षकों के लिए सहायक बने, बोझ नहीं।







