अपने जुड़वा बच्चों की हत्या करने वाली मां को उम्र कैद की सजा

– 20 दिन के नवजात बच्चों को मार कर फेंक आई थी मां

भोपाल, 30 अक्टूबर। 12वें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भोपाल जयंत शर्मा की अदालन ने अपने दो बच्चों की हत्या करने वाली मां सपना धाकड़ को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 302 भादंवि में उम्र कैद एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 201 में 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक वंदना परते ने की।
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मनोज त्रिपाठी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आरोपिया ने पुलिस में शिकायत की कि 5 सितंबर 2022 को अस्पताल भोपाल में आरोपिया की डिलेवरी हुई थी जिसमें उसे जुड़वा बेटे हुए थे, वह 8-10 दिन बाद डिस्चार्ज होकर घर आ गई थी। 22-23 सितंबर 2022 की रात में वह दोनों बच्चों को लेकर पलंग पर लेटी थी तथा उस सास जमीन पर सो रही थी। बगल वाले कमरे में पति सो रहा था, 23 सितंबर की सुबह करीब 5.30 बजे वह अपने घर कोलार कॉलोनी से अपने 20 दिवस के दो जुड़वा बच्चों को अपने साथ लेकर अपनी सास तथा पति को बिना बताए अपने मायके ग्राम सुहाश तहसील बैरसिया के लिए निकली थी। वह पैदल पैदल कोलार तिराहे से रंगमहल चैराहा तक दोनों बच्चों को लेकर आई थी। रंगमहल चैराहा रेन्बो हास्पिटल की बाउण्ड्रीवाल के पास फुटपाथ पर दोनों बच्चों को एक ठेले के पास लिटाकर रोड क्रास कर सामने बाथरूम करने गई थी। वापस आकर देखा तो दोनों बच्चे वहां नहीं थे। दोनों बच्चे लाल रंग के कम्बल में लिपटे हुए हैं तथा पिंक कलर की कपड़े पहने हैं, एक बच्चे की गर्भनाल लगी हुई है। मेरे बच्चों का किसी अज्ञात व्यक्ति ने अपहरण कर लिया है। मेरे पति ब्रजमोहन धाकड़ को फोन पर मैंने सूचना दी तब मेरे पति रंगमहल चैराहा आए और मैं अपने पति ब्रजमोहन धाकड़ के साथ रिपोर्ट करने थाने आई हूं। जिस पर अपराध क्र.618/22 धारा 363 भादंवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।
दौराने विवेचना अपराध सदर में सपना धाकड़ से लगातार विस्तृत पूछताछ की गई एवं कोलार तिराहा, रंगमहल चैराहा, हबीबगंज थाने के पास लगे सीसीटीव्ही कैमरो के फुटेज देखने पर सपना घर से बच्चों सहित जाना दिखी, परंतु हबीबगंज थाना चौराहा स्थित अरेरा पेट्रोल पम्प के सीसीटीव्ही कैमरों में बच्चे सहित नहीं दिखी, वहां पर बिना बच्चों के आती दिखाई दी, तब सपना से लगातार पूछताछ करने पर कि कोलार तिराहा से हबीबगंज चौराहा के बीच बच्चे कहीं गायब किए गए हैं, तब घटना समय के अनुसार एक बस के कैमरे देखने पर सपना सिटी बस में बिना बच्चों के प्रवेश करती हुई दिखने पर सपना ने विस्तृत पूछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार किया। जिस पर से आरोपिया का मेमोरण्डम धारा 27 साक्ष्य अधिनियम का लेख किया गया। आरोपिया सपना धाकड़ की निशादेही पर नवजात दोनो शिशुओं के शव मल्टी नं.6/12, 6/13 के बीच खाली प्लाट की झाडिय़ां रविशंकर नगर हबीबगंज भोपाल से 27 सितंबर 2022 को बरामद कर बरामदगी पंचनामा तैयार कर मृत शिशुओं के शवो की शव पंचनामा कार्रवाई की जाकर थाना हाजा पर असल मर्ग क्र.42/22, 43/22 धारा 174 जाफौ कायम कर मर्ग डायरी असल अपराध में शामिल की गई, बाद प्रकरण में धारा 302, 201 भादंवि का इजाफा किया गया।
अभिलेख के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त द्वारा अपने 20 दिन के नवजात बच्चों की अकारण हत्या की गई है। एक मां द्वारा ऐसा दुस्साहसपूर्ण कृत्य मां एवं पुत्र के मध्य स्थापित पवित्र रिश्ते की मर्यादा को छिन्न-भिन्न करने वाला है। कोई भी मां बिना किसी भेदभाव के अनवरत् उन बच्चों को पहले नौ माह तक अपने गर्भ में और उसके बाद संसार में जीवित रखने हेतु संघर्षरत रहती है, इसी कारण मां दुर्गा की आरती में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता इस प्रकार अभियुक्त द्वारा किया गया। अपराध केवल नवजात बच्चों के विरुद्ध किया गया अपराध नहीं है, अपितु यह अपराध संसार की समस्त माताओं के विरुद्ध किया गया अपराध भी है। निश्चित रूप से हस्तगत मामला विरल मामला है और अभियोजन द्वारा उचित रूप से मृत्युदण्ड की मांग की गई है, किंतु इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि एक मां ने अपने दो बच्चों को मारकर उनके शवों को जानवरों का निवाला बनाने के लिए फेंक दिया। अभियुक्त को निश्चित रूप से अपने कृत्य पर ग्लानि एवं पछतावा होगा। अभियुक्त को मृत्युदण्ड देना उसे ग्लानि एवं पछतावा की भावना से मुक्त करना होगा। हस्तगत प्रकरण में अपने ही बच्चों की हत्या का ग्लानिबोध रखते हुए शेष प्राकृतिक जीवन का कारावास, मृत्युदण्ड के दण्ड से अधिक कठोर है।