– 12 साल में पुलिस अभिरक्षा में 100 लोगों की मौत
भिण्ड, 16 अक्टूबर। मप्र की पुलिस और प्रशासन जब से भाजपा के नियंत्रण में आया है, तब से अपराधियों को सरंक्षण और आम जनता पर दमन ही भाजपा की नीति बन गई हैं, हाल ही में हुए तीन घटनाक्रमों में यह बात और पुष्ट हो गई हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि राजधानी भोपाल में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का नजदीकी रिश्तेदार होने के बावजूद, उदित हत्याकाण्ड में पुलिस ने हत्यारे अपराधियों को बचाने के लिए न केवल मृतक उदित और उसके दोस्तों को आरोपित किया है, बल्कि पुलिस द्वारा बेरहमी से की गई मारपीट को भी छुपा लिया है। जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के परिजनों को ही न्याय नहीं मिल रहा है तो आम नागरिक की दुर्दशा को आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिवनी में पुलिस द्वारा की गई एफआईआर में न तो तीन करोड़ रुपए लूटने वाले पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के नाम हैं और नहीं ही यह बताया जा रहा है कि कटनी से कौन व्यक्ति इतनी बड़ी राशि को नागपुर भेज रहा था। यह सब ऊपर के इशारे पर और असली अपराधियों को बचाने के लिया किया जा रहा है।
जसविंदर सिंह ने कहा कि अशोकनगर मे शराब बेचने के संदेह में पुलिस हिरासत में एक युवक की हत्या के मामले में भी आरोपियों को अभी तक सिर्फ निलंबित किया गया। यह तब हैं जब गुना जिले में देवा पारदी की हत्या के बाद सर्वोच्च न्यायलय प्रदेश की पुलिस और सीबीआई पर सख्त टिप्पणी कर चूका है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है। माकपा अपराधियों को बचाने की हरकतों की निंदा करते हुए सभी मामलों में असली अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है।
माकपा राज्य सचिव ने आगे भाजपा की डबल इंजन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के पिछले 12 साल में पुलिस अभिरक्षा में 100 से अधिक प्रदेश के निवासियों की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी तक सजा किसी पुलिस कर्मचारी को नहीं हुई है, अपराधी और पुलिस गठबंधन भी इतना मजबूत है, ईमानदार पुलिसकर्मी की हत्या हो रही है या आत्म हत्या के लिए विवश किया जा रहा है, भाजपा सरकार में समाज में जनता के बीच भय का वातावरण बना है, इसके लिए डबल इंजन भाजपा सरकार दोषी है।