– राकेश अचल
देश के सबसे बड़े अपंजीकृत स्वयंसेवी संगठन के दुस्साहस को प्रणाम करता हूं, क्योंकि हमारे शाखामृग संगठन पर लगे संगीन आरोंपों के बावजूद कर्नाटक में आई लव आरएसएस अभियान चलाने की हिमाकत दिखा रहे हैं। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे के पत्र के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही कांग्रेस सरकार का विरोध करते हुए संघ समर्थकों ने मंगलवार को कर्नाटक के मांड्या जिले में आई लव आरएसएस अभियान शुरू कर दिया।
स्वयं सेवकों ने हाथों में आई लव आरएसएस लिखे पोस्टर लेकर नारे लगाए। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए वाहनों और दुकानों पर भी पोस्टर लगाया। मांड्या शहर के डाकघर के सामने पोस्टर अभियान को हरी झण्डी दिखाई गई। पोस्टरों पर लिखा था कि जो लोग आरएसएस से प्रेम करते हैं, वे देश प्रेमी हैं। आपको याद होगा कि गत दिवस केरल के रहने वाले 26 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर आनंदु अजी ने पिछले दिनों सुसाइड कर लिया था। वह कोट्टायम का रहने वाला था, उसका शव तिरुवनंतपुरम के थंबानूर के एक लॉज से मिला था। सुसाइड से पहले आनंदु ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। युवक ने बताया कि बचपन से लेकर अब तक उसके साथ किस तरीके से यौन शोषण किया जा रहा था। मामला सामने आने के बाद से ही कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस इसको लेकर संघ पर हमला बोल रही है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच की मांग भी कर रही है।
इस मामले में संघ के सर संघचालक ने उसी तरह मौन साध लिया है, जैसे मोदी जी ने मणिपुर पर साध लिया था। संघ का एक अधिकारी आनंदु के सुसाइड नोट में लगे आरोपों का प्रतिवाद करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। उल्टे अब भाजपा के एमएलसी सीटी रवि ने कहा कि मंत्री खरगे आरएसएस की आलोचना करके किसी तरह अपना कारोबार बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा विधायक एसआर विश्वनाथ ने कहा कि कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने उन्हें आरएसएस पर हमले करने की सुपारी दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रियांक खरगे को सावधान रहना चाहिए। उन्हें आरएसएस के बारे में कुछ नहीं पता। यह संगठन इतना शक्तिशाली है कि उन्हें इसके परिणामों का अंदालत भी नहीं होगा। प्रियांक खरगे ने सार्वजनिक स्थलों और स्कूल-कालेज परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को एक पत्र लिखा था, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।
आपको पता है कि संघ कांग्रेस शासित कर्नाटक में तो सक्रिय है ही, लेकिन केरल में भी उसने बहुत काम किया है। केरल में ही सुसाइड करने से पहले आनंदु अजी ने नोट लिखा कि किस तरीके से उसका बचपन से लेकर अब तक यौन शोषण किया गया, जिससे वह आज तक नहीं उबर पाया है। नोट में युवक ने लिखा कि उसके माता पिता ने बचपन में उसे संघ की शाखा में डाल दिया था। यहां पड़ोसी एनएम ने तीन साल की उम्र में उसका शोषण किया था। इसके अलावा एसएस के आईटीसी और ओटीसी कैम्पों भी उसके साथ ऐसा ही हुआ है।
युवक ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी मौत की वजह कोई रिश्ता नहीं बल्कि एक गहरी चोट है। कुछ साल पहले ही उसे पता चला था कि उसे ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर डायग्नोज हुआ था। यह बीमारी भी आरएसएस के लोगों के शोषण की वजह हुई थी। आनंदु अजी ने लिखा कि उसे संघ से हमेशा दर्द ही मिला है। जब भी मैं कैम्प में जाता मेरा शोषण किया जाता था। इसके साथ ही डंडों से कई बार पीटा भी गया है। अजी लिखकर गय है कि कि आरएसएस वालों से दोस्ती न करें, भले पिता, भाई या बेटा हो तो भी दूर रखें। मेरे पास सबूत नहीं है लेकिन इस बात का सबूत मेरी जिंदगी ही है।
अनंदु अजी की आत्महत्या के बाद यह मामला राजनीतिक विवाद में बदल गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आनंदु अजी की आत्महत्या के मामले में आरएसएस पर गंभीर यौन शोषण के आरोपों की पूरी तरह से जांच कराने की मांग की है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अजी ने अपनी सुसाइड नोट में बताया कि उन्हें कई बार आरएसएस के सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।
माना जा रहा है कि आनंदु के मामले पर धूल डालने के लिए ही कर्नाटक में आई लव आरएसएस का अभियान चलाया है। ये अभियान बरेली के तौकीर रजा के आई लव मोहम्मद के जैसा है। अब देखना ये है कि संघ आई लव आरएसएस अभियान को कर्नाटक ही सीमित रखता है या फिर देश व्यापी रूप देता है। उल्लेखनीय है कि पहली बार लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आरएसएस का यशोगान कर चुके हैं।