– विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर सुप्रयास ने आयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम
भिण्ड, 28 जुलाई। हम मनुष्यों ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का बहुत अधिक दोहन किया है, यह दोहन धीरे-धीरे प्रकृति के शिश्न में बदलता गया, जिसके कारण अनेक प्रकार की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं और कई विलुप्ति की कगार पर हैं। इन सबके चलते पर्यावरण में और प्रकृति में बहुत असंतुलन हो गया है। जिसके कारण कहीं बाढ कहीं सूखा और तेजी से बढती हुई सर्दी गर्मी से सारी दुनिया संकट में आ गई है। अब प्रकृति के इस शोषण की भरपाई करने का समय आ गया है हमारा कर्तव्य है कि हम तेजी से इसकी भरपाई करें और इस प्रकृति को उन्हें पहले जैसा करें। यह उदगार प्रो. रामानंद शर्मा ने शा. स्वामी विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरपुरा में सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा आयोजित आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन रेखा भदौरिया ने किया।
इस अवसर पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी केजी शर्मा ने कहा कि पर्यावरण का हम सब की जिम्मेदारी है और हम सब इसको करने का संकल्प लेते हैं। संकुल प्राचार्य आरसी पाण्डे ने कहा कि प्रकृति के पांचो तत्वों का संरक्षण आवश्यक है धरती, आकाश, जल, वायु और अग्नि सभी का संतुलन आवश्यक है।
सुप्रयास के सचिव डॉ. मनोज जैन ने कहा कि पौधे लगाने के साथ-साथ पेडों का संरक्षण भी करना चाहिए और जल संरक्षण के उपाय करने होंगे। वर्तमान में प्रकृति जल के रूप में अमृत वर्षा रही है पर हमारा यह पूरा वर्षा जल बेकार जा रहा है। हमने इसको सहेजने की व्यवस्था नहीं की है, इसलिए यह अमृत बेकार ही बह रहा है और थोडे समय बाद हम बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने वाले हैं। हम जल का संरक्षण करें जिससे प्रकृति के अन्य तत्वों का भी संरक्षण हो सकेगा। कार्यक्रम में शैलेन्द्र कुमार ओझा, आशीष मिश्रा, संजीव बरुआ, शिवसिंह चौरसिया, अनिल शाक्य, सरोज संखवार, रेणु कुशवाह, विजय शर्मा, उमाशंकर शर्मा, प्रेम नारायण शर्मा, सुबोध त्रिपाठी, अवधेश सविता, भंवर सिंह नरवरिया, अभिनेन्द्र उपाध्याय उपस्थित रहे।