डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों में होते हैं अधिक पोषक तत्व

– जिले के किसान भाईयों से अपील डीएपी के बजाय अपनाएं वैकल्पिक उर्वरक

ग्वालियर, 16 जुलाई। परंपरागत रूप से खेती में इस्तेमाल हो रहे डीएपी (डाय अमोनियम फास्केट) के वैकल्पिक उर्वरकों में ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिले के किसान भाईयों से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक अपनाने की अपील की गई है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने उप संचालक कृषि व किसान कल्याण तथा विभाग के अन्य मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों को डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों का गांव-गांव में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।
उप संचालक कृषि रणवीर सिंह जाटव ने बताया कि किसान भाई जिस परंपरागत डीएपी का उपयोग करते है, उसमें सिर्फ 2 पोषक तत्व नत्रजन 18 प्रतिशत व फास्फोरस 46 प्रतिशत पाए जाते हैं। इसके विकल्पों का उपयोग कर कृषक बंधु अपने खेतों तक अधिक पोषक तत्व पहुंचा सकते हैं। उन्होंने डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी है।
ये हैं डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक
पहला विकल्प- यूरिया सिंगल सुपर फास्फेट- एक बोरी डीएपी के स्थान पर 20 किग्रा यूरिया एवं 3 बोरी एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) का उपयोग किसान भाई कर सकते है। एसएसपी में फास्फोरस 16 प्रतिशत, सल्फर 12.5 प्रतिशत एवं केल्सियम 21 प्रतिशत होता है। दूसरा विकल्प- एनपीके (12:32:16)- एक बोरी डीएपी के स्थान पर एनपीके (12:32:16) का उपयोग कर सकते है, उसमें नत्रजन 12 प्रतिशत, फास्फोरस 32 प्रतिशत एवं पोटाश 16 प्रतिशत पाया जाता है। तीसरा विकल्प- नेनो डीएपी- बीज उपचार के क्रम में एक किलोग्राम बीज में 5 एमएल नैनो डीएपी का उपयोग कर सकते हैं। 500 एमएल की एक बोतल 100 किग्रा बीज के लिए पर्याप्त है। अच्छे परिणाम के लिए 30-55 दिन की फसल में 4 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर खडी फसल में छिडकाव कर सकते हैं। चौथा विकल्प-(कॉम्प्लेक्स 20:20:0:13)- इसमें नत्रजन 20 प्रतिशत, फास्फोरस 20 प्रतिशत तथा सल्फर 13 प्रतिशत पाया जाता है। सल्फर, दलहनी फसलों में प्रोटीन व तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा को बढा देता है। अन्य विकल्प के रूप में 14:28:14, 14:35:14, 10:26:26, 15:15:15 एवं 16:16:16 आदि एनपीके उर्वरकों का उपयोग कृषक बंधु कर सकते हैं, जो डीएपी से अधिक उपयोगी है।
उर्वरक का वितरण व वर्तमान में उपलब्धता
जिले में वर्तमान खरीफ मौसम के दौरान अब तक 11856 मैट्रिक टन यूरिया वितरित हुआ है। वर्तमान में जिले में 6430 मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। इसी प्रकार 6571 मैट्रिक टन डीएपी वितरण हुआ है व 2934 मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। अभी तक 2149 मैट्रिक टन एनपीके वितरण हुआ है व वर्तमान में 5128 मैट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। जिले में 2472 मैट्रिक टन एसएसपी का वितरण हुआ है व 6667 मैट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है।