आदिवासी नाबालिगा से कट्टे की नोक पर दुष्कर्म करने वाले तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

– न्यायालय ने 65 हजार का जुर्माना भी लगाया, पीडिता को पांच लाख की प्रतिकर सहायता

ग्वालियर 09 जुलाई:- अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं एकादशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जिला ग्वालियर तरूण सिंह की अदालत ने नाबालिग आदिवासी लडकी से कट्टे की नोक पर सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी जंडेल गुर्जर उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम रिठौरा सराय छोला जिला मुरैना, संजीव गुर्जर उम्र 25 वर्ष एवं आकाश गुर्जर उम्र 23 वर्ष निवासीगण ग्राम डांग चराई, थाना घाटीगांव जिला ग्वालियर को सत्र प्रकरण क्र.57/2024 धारा 449 भादंसं में 7 वर्ष कठोर कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376डी भादंसं, सहपठित धारा 3(2)(1) एससी/एसटी अधिनियम में आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 323/34 (दो शीर्ष) भादंसं, सहपठित धारा 3(2) (1ए) एससी/एसटी अधिनियम में 6 माह के कठोर कारावास व प्रत्येक शीर्ष हेतु 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 506 भाग-2 भादंसं में एक वर्ष कठोर कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। साथ ही पीडिता को पांच लाख रुपए प्रतिकर एवं सहायता राशि प्रदान करने हेतु आदेशित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक आशीष राठौर ने प्रकरण की जानकारी देेते हुए बताया कि थाना भंवरपुरा अतंर्गत आने वाले गांव में पीडिता का परिवार शिवपुरी से मजदूरी करने आया था और टपरा बनाकर निवास कर रहा था। 30 जनवरी 2024 को रात्रि के लगभग 1 बजे 16 वर्षीय पीडिता अपने छोटे भाई को टॉयलेट कराने के लिए घर से बाहर आई थी, तभी उसके घर के बाहर तीन व्यक्ति खडे थे, जिनमें से दो व्यक्तियों ने पीडिता को पकड लिया और एक व्यक्ति हाथ के सहारे उसके भाई को रोककर खडा हो गया। पीडिता और उसके भाई के चिल्लाने पर उसके माता-पिता बाहर आ गए। उन्होंने बच्चों को छोडने के लिए कहा तो तीनों ने लाठी व डंडों से उनकी मारपीट की जिससे पीडिता की मां को बांए हाथ की कलाई एवं कंधे में तथा पिता को पीठ व कमर में चोट आई। उन तीन व्यक्तियों में से एक ने कट्टा निकालकर पीडिता के पिता के सीने पर रख दिया और बोला कि जैसा हम कह रहे हैं, वैसा करो नहीं तो अभी सभी को जान सेखत्म कर देंगे। उक्त धमकी देकर तीनों में से एक व्यक्ति पीडिता को उनके घर के अंदर ले गया और जबरदस्ती पीडिता के साथ दुष्कर्म किया। वह पहला व्यक्ति बाहर आया तब दूसरा व्यक्ति पीडिता को घर के अंदर ले गया और उसने भी दुष्कर्म किया। आवाज सुनकर मौके पर उनका पडोसी भी आ गया था। जाते समय तीनों ने धमकी दी कि यदि यह बात किसी को या पुलिस को बताई तो तुम्हारे परिवार को जान से खत्म कर देंगे। तीनों के जाने के उपरांत सुबह उन्होंने 100 नंबर पर फोन लगाया तब कुछ देर पश्चात थाना घाटीगांव से 100 नंबर वाहन वहां आ गया और पुलिस वाले उन्हें घाटीगांव लेकर आए। थाना घाटीगांव को जानकारी मिल की घटना स्थल थाना भंवरपुरा है, तब उक्त घटना की एफआईआर थाना भवरपुरा में लेख कराई गई, जो अपराध क्र.04/2024 अंतर्गत धारा 323, 378, 378बीए, 458, 506, 34 भादंसं, धारा 3/4, 5जी/6 पॉक्सो अधिनियम 2012, धारा 3(2)(1), 3(1) अजा एवं अजजा (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 (संशोधन 2015) एवं धारा 25/27 आयुध अधिनियम 1959 के अधीन तीन अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध पंजीबद्ध की गई।
शासन द्वारा उक्त प्रकरण को चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरणों की सूची में रखा गया था। अन्वेषण के दौरान आरोपीगण की जेल में तहसीलदार के समक्ष पीडिता एवं उसके माता-पिता द्वारा पहचान की गई, उन्होंने बताया कि इन्हीं आरोपियों द्वारा अपराध कारित किया गया है। न्यायालय में समस्त साक्षीगणों के कथनों के उपरांत अंतिम तर्क हुए, जिसमें एडीपीओ ने आरोपियों द्वारा अपराध किया जाना प्रमाणित होने के तर्क दिए एवं पीडिता को आर्थिक सहायता दिए जाने का निवेदन किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपियों को दोषसिद्ध किया एवं पीडिता को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने का आदेश पारित किया।