– न्यायालय ने पांच हजार का जुर्माना भी लगाया
ग्वालियर, 03 जुलाई। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला ग्वालियर एमएनएच रिजवी की अदालत ने कंपनी के साथ अमानत में खयानत करने वाले आरोपी चित्रकांत पुत्र अशोक दोहलिया उम्र 38 वर्ष निवासी लहार रोड, मिहोना जिला भिण्ड को धारा 408 भादंसं के तहत दो वर्ष सश्रम करावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अभिषेक सिरौठिया ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि आठ मई 2014 को रघुराज इण्ड्रस्ट्रीज प्रालि के जनरल मैनेजर गौरव ने थाना थाटीपुर में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि रघुराज इंडस्ट्रीज प्रालि कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध कंपनी है, जिसका मप्र में व्यवसाय किए जाने हेतु ग्वालियर में नेहरू कॉलोनी, थाटीपुर मुरार, ग्वालियर में कार्यालय स्थापित किया गया था। कंपनी द्वारा मप्र में व्यवसाय का संचालन एवं समस्त कार्रवाई करने हेतु गौरव किशोर को नियुक्त कर जनरल मैनेजर के पद पर पदस्थ किया गया था, जो कंपनी की ओर से समस्त कानूनी कार्रवाई करने हेतु सक्षम हैं। कंपनी द्वारा निर्मित गैस चूल्हे गैस वितरण कंपनियों के निर्धारित मानकों के विरुद्ध थाना थाटीपुर में अपराध क्र.17077/2014 अनुरूप प्रमणित है तथा उक्त कंपनी द्वारा निर्मित उत्पाद गैस वितरण कंपनियों के वितरकों द्वारा उपभोक्ताओं को विक्रय किए जाते हैं। उक्त कंपनी द्वारा अपने उक्त उत्पादों को विक्रय किए जाने हेतु मप्र के विभिन्न जिलों में वितरक बनाए गए हैं। कंपनी के नियम व शर्तों के अनुसार प्रत्येक वितरक को कंपनी से माल क्रय किए जाने के उपरांत उसके संबंध में निर्धारित भुगतान राशि एनईएफटी/ डीडी/ एकाउंट पेयी चैक/ आरटीजीएस के माध्यम से कंपनी को भुगतान करना होता है, जिसके संबंध में दिशा निर्देश वितरक नियुक्त किए जाते समय ही प्रदान कर दिए जाते हैं एवं उक्त निर्देश कंपनी द्वारा वितरकों को प्रदान किए गए बिलों में भी उल्लेखित किए गए हैं। उक्त कंपनी में अभियुक्त चित्रकांत दोहलिया संभागीय विक्रय प्रबंधक के पद पर नियुक्त था। अभियुक्त का कार्य कंपनी द्वारा निर्मित माल को विक्रय करने एवं विक्रय किए गए माल के संबंध में एनईएफटी/ डीडी/ एकाउंट पेयी/ आरटीजीएस के माध्यम से राशि संबंधित फर्मों से कंपनी के खाते में जमा कराया जाना था, परंतु अभियुक्त द्वारा कंपनी में पदस्थ रहते हुए कंपनी द्वारा वितरकों को विक्रय किए गए माल के भुगतान की राशि कंपनी का सेवक होने की हैसियत से संबंधित वितरक से प्राप्त की गई परंतु कंपनी में सात लाख 73 हजार 953 रुपए की राशि जमा नहीं कराई गई तथा स्वयं के उपयोग में ले ली गई। इस प्रकार अभियुक्त चित्रकांत दोललिया ने स्वयं को अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त करने की नियत से तथा कंपनी के साथ धोखाधडी कर आर्थिक क्षति पहुंचाने की नियत से कंपनी का सेवक होकर आपराधिक न्यास भंग कर कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। फरियादी की शिकायत पर थाना थाटीपुर पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। संपूर्ण विचारण के दौरान शासन की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्षी एवं साक्ष्य के आधार पर आरोपी चित्रकांत को न्यायालय ने आरोपी को धारा 408 भादंवि में दो वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।