– बिजनेस में मुनाफे का लालच दिया, 50 प्रतिशत का पार्टनर बनाया, लोगों से कहा- रुपए रिटायर्ड अफसर देंगे
ग्वालियर, 30 मई। ग्वालियर में रिटायर्ड आइएएस और मुरैना के पूर्व कलेक्टर विनोद शर्मा से असम के दंपती ने 25 लाख रुपए ठग लिए। दंपती ने पूर्व कलेक्टर को प्लायवुड कारोबार में मुनाफे का लालच दिया था। पूर्व कलेक्टर शर्मा ने ग्वालियर एएसपी से धोखधडी की शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार असम के कुलरंजन बरुआ ने रिटायर्ड आइएएस विनोद शर्मा से उनका 10 हजार वर्गफीट का प्लॉट 50 हजार रुपए महीना किराए पर लिया था। इसके बाद बडे मुनाफे का लालच देकर कंपनी रिद्धी डोर इंडस्ट्रीज में उन्हें 50 प्रतिशत का साझेदार बना लिया। कंपनी में काम के लिए कई बार विनोद शर्मा से चेक और नकद रुपए लिए। साथ ही, प्लॉट का 50 हजार रुपए प्रतिमाह किराया भी नहीं दिया। इसके बाद पति-पत्नी, पूर्व कलेक्टर से 25 लाख रुपए की ठगी कर फरार हो गए। आरोपी दंपती ने रिटायर्ड आइएएस के परिचितों से भी रुपए और सामान लेकर धोखाधडी की। सामान लेते समय उन्होंने कहा था कि पेमेंट विनोद शर्मा करेंगे। शर्मा ने 26 मई को एसएसपी धर्मवीर सिंह को ठगी की शिकायत की। 29 मई को एफआईआर दर्ज हुई। एसएसपी का कहना है कि धोखाधडी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी दंपती की तलाश की जा रही है।
रिटायर्ड आइएएस के बेटों के नाम पर था प्लॉट
शिकायत के अनुसार पूर्व कलेक्टर विनोद शर्मा का 10 हजार वर्गफुट का प्लॉट उनके बेटे श्रीकांत शर्मा और शरद शर्मा के नाम है। यह प्लॉट सचिन तेंदुलकर मार्ग पर गोल्डन गार्डन के सामने है। इसे कुलरंजन बरुआ और उसकी पत्नी मोनिका ने किराए पर लिया था। दंपत्त्ी असम के बरपेटा के रहने वाले हैं। वे वर्तमान में पाम रेसीडेंसी में रहते थे। कुलरंजन को प्लायवुड के कारोबार के लिए प्लॉट चाहिए था। इस सिलसिले में उसके परिचितों ने रिटायर्ड आइएएस विनोद शर्मा का प्लॉट बताया। कुलरंजन को प्लॉट पसंद आ गया। 2 अप्रैल 2024 को विनोद शर्मा के बेटों श्रीकांत और शरद के साथ कुलरंजन की पत्नी मोनिका बरुआ ने 50 हजार रुपए मासिक किराए पर 11 माह का किरायानामा करवाया। इसके बाद कुलरंजन रोजाना विनोद शर्मा से मिलता और उन्हें प्लायवुड के कारोबार के बारे में बताता। साथ ही पार्टनरशिप के लिए भी कहता था।
पहले भरोसा जीता, फिर धोखाधडी कर भागा
कुलरंजन ने पहले विनोद शर्मा का विश्वास जीता। उसने कहा कि मेरे पास काम का अनुभव है, आपको सिर्फ पार्टनर बनना है, पूरा काम मैं संभाल लूंगा। शर्मा ने रिद्धी डोर इंडस्ट्रीज के नाम से 16 अप्रैल 2024 को पार्टनरशिप डीड की, जिसमें मोनिका और शर्मा 50-50 प्रतिशत के हिस्सेदार थे। फर्म के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवाया गया। चेकबुक कुलरंजन के पास रहती थी। उसने सामान खरीदी के लिए विनोद शर्मा से नकद और चेक के माध्यम से 25 लाख रुपए लिए। कंपनी शुरू होने के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी भाग गए।
पूर्व भाजपा नेता रुपए वापस मांगने पहुंचे तो हुआ खुलासा
इस मामले में अक्टूबर 2024 में पूर्व भाजपा नेता सुबोध दुबे, विनोद रजक, अशोक कुशवाह, पुष्पेंद्र भदौरिया और कुछ अन्य लोग रिटायर्ड आइएएस विनोद शर्मा से मिले। उन्होंने बताया कि आपका पार्टनर कुलरंजन हमसे प्लायवुड के आइटम बनाकर देने के एवज में एडवांस रुपए और सामान ले गया था, जो अब तक वापस नहीं किया। बाद में हमें पता चला कि विनोद शर्मा भी फर्म में पार्टनर हैं, तो लोगों ने उनसे ही रुपए मांगने शुरू कर दिए। यह जानकारी लगने के बाद जब कुलरंजन और मोनिका को फोन किया गया तो दोनों के नंबर बंद मिले। उनके निवास पाम रेसीडेंसी पर भी ताला लगा मिला। पूर्व कलेक्टर और पूर्व भाजपा नेता अपने स्तर पर दंपती का पता लगाते रहे, लेकिन जब इतने महीनों तक कुछ पता नहीं चला तो 26 मई को शिकायत की। पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।