– न्यायालय ने दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया
भोपाल 27 मई। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल राहुल सिंह यादव के न्यायालय ने षडयंत्र कर दूसरे के प्लॉट को अपना बताकर बेचने वाले आरोपीगण देवेन्द्र स्वरूप भटनागर एवं अवधेश सिंह सिसौदिया को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 420, सहपठित धारा 34 भादंवि में तीन-तीन वर्ष का कठोर सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती नीरज भार्गव ने की।
एडीपीओ श्रीमती नीरज भार्गव के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 9 जून 2012 को पुलिस थाना बागसेविनया में एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया कि फरियादी प्रेमसिंह एवं आरके गोयल ने अभियुक्त अवधेश सिंह सिसौदिया एवं देवेन्द्र स्वरूप भटनागर ने गुलाबी नगर, हाउसिंग सोसाइटी प्लॉट क्र.23 को उसे दिखाकर स्वयं को मालिक होना बताकर सात लाख रुपए नगद प्राप्त किए और रसीद देने के बाद प्लॉट नं.22 आवंटित कर दिया। एक माह में रजिस्ट्री करना तय हुआ, परंतु अभियुक्त टालमटोल कर गायब हो गया। बाद में पता चला कि उक्त प्लॉट अभियुक्त अवधेश सिंह सिसौदिया का नहीं है। वहीं आरके गोयल ने अभियुक्त देवेन्द्र स्वरूप भटनागर के विरुद्ध एसडीओपी को शिकायती आवेदन दिया कि गुलाबी नगर गृहनिर्माण संस्था का प्लॉट क्र.22 साईज 996 वर्गफीट अभियुक्त ने उसे दिखाया और स्वयं को उसका मालिक होना बताया। सात लाख रुपए उससे प्राप्त किए और प्लॉट विक्रय करने का अनुबंध-पत्र कर लिया, परंतु रजिस्ट्री कराने के लिए टालमटोल करता रहा। बाद में पता चला कि अभियुक्त का उक्त सोसायटी में कोई प्लॉट नहीं है। वह कई लोगों के साथ धोखाधडी कर चुका है। उक्त घटना की सूचना के आधार पर थाना बागसेविनाया में अपराध क्र.201/2013 भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 420, सहपठित धारा 34 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्क, साक्ष्य एवं दस्तावेजों के सहमत होते हुए आरोपीगण देवेन्द्र स्वरूप भटनागर एवं अवधेश सिंह सिसौदिया को धारा 420, सहपठित धारा 34 भादंवि में 3-3 वर्ष का कठोर सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का निर्णय पारित किया है।