– बिजली हुए गुल, लोगों ने पानी के लिए मंगवाने पडे टेंकर
भिण्ड, 22 मई। भिण्ड जिले में बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात आए तेज आंधी-तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पश्चिमी-उत्तरी दिशा से 50-60 किमी प्रति घण्टा की रफ्तार से चली हवाओं के कारण दर्जनों पेड उखड गए, बिजली के तार टूटे और लोहे की टीन उडकर हाईवे पर जा गिरीं।
रात करीब 12 बजे शुरू हुए तूफान में धूलभरी आंधी के साथ कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी हुई। भिण्ड, लहार, रौन, दबोह आलमपुर, मिहोना, मेहगांव, गोहद और मालनपुर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए। मेहगांव में स्थिति सबसे खराब रही। भिण्ड-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग-719 पर तूफान से गिरे पेडों और लोहे की टीनों के कारण यातायात प्रभावित हुआ। प्रशासन द्वारा अभी तक मलबा नहीं हटाया गया है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
नौ घण्टे तक गुल रही बिजली
तेज आंधी-तूफान के चलते पूरे जिले में नौ घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई। लोगों को टैंकरों से पानी मंगवाना पडा। बिजली कंपनी की एफओसी टीमें रातभर काम करती रहीं, लेकिन फॉल्ट अधिक होने के कारण सुबह तक भी आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के खंभे टूटने से कई गांवों में अभी भी बिजली बंद है। तूफान के समय आसमान में बिजली चमकने से दहशत का माहौल रहा। कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पूरी रात जागते रहे। मोबाइल नेटवर्क भी कई जगहों पर प्रभावित रहा।
भिण्ड जिले में बुधवार-गुरुवार की रात आए तेज आंधी-तूफान ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। पश्चिमी-उत्तरी दिशा से 50-60 किमी प्रति घण्टा की रफ्तार से चली तेज हवाओं के कारण जिलेभर में दर्जनों पेड उखड गए, बिजली के तार टूट गए और लोहे की टीनें उडकर हाइवे पर जा गिरीं। सबसे ज्यादा प्रभावित मेहगांव क्षेत्र रहा, जहां हालात सबसे अधिक खराब हैं। पूरे जिले में रातभर ब्लैकआउट की स्थिति बनी रही और लोगों को पानी के लिए भी परेशान होना पडा।
भीषण गर्मी के बीच अचानक एक बार फिर से मौसम में करवट ली। बुधवार रात करीब बारह बजे भिण्ड में तूफानी हवाएं चलने लगी। धूलभरी आंधी, कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी हुई है। देर रात तक बादल चमकते रहे। मौसम के अचानक बदले मिजाज के साथ ही जिले के कई इलाकों में तबाही मचाई। खासकर भिण्ड, लहार, रौन, दबोह आलमपुर, मिहोना, मेहगांव, गोहद और मालनपुर क्षेत्र में हवा के साथ बूंदाबांदी हुई, जिससे पेड और बिजली के खंबे गिर गए। कई इलाकों में बिजली के तार टूट गए, जिससे रातभर बिजली आपूर्ति बाधित रही। भिण्ड-ग्वालियर हाइवे पर तूफान के कारण दर्जनों पेड और लोहे की टीनें गिर गईं। बावजूद इसके, प्रशासन ने अब तक मलबा हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे सडक पर आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है और कभी भी बडा हादसा हो सकता है।
तूफान के बाद पूरे जिले में बिजली गुल हो गई। भिण्ड शहर के कई इलाकों में नौ घण्टे तक बिजली न होने से पानी की सप्लाई भी बाधित हो गई। लोगों को मजबूरी में टैंकरों से पानी मंगवाना पडा। गर्मी के मौसम में बिजली और पानी की समस्या ने लोगों की मुश्किलें और बढा दी हैं। तूफान के समय आसमान में बिजली चमकती रही, जिससे दहशत का माहौल बन गया। कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पूरी रात जागते रहे। मोबाइल नेटवर्क भी कई जगहों पर प्रभावित रहा। आंधी हवाएं थमते ही मैदान में बिजली कंपनी की एफओसी टीमें निकल पडी। परंतु फॉल्ट अधिक होने के कारण ये टीमें रातभर काम करती रही। फिर भी सुबह तक बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पोल टूटकर गिर गए। इस कारण से कई गांवों बिजली सप्लाई बंद है। हालांकि इस मामले में अभी कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।