देश से संवाद क्यों नहीं कर रहे प्रधानमंत्री जी?

– राकेश अचल


ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढते तनाव के बीच देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात जानने को बेचैन है। ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुए तीन दिन बीत चुके हैं। सेना, विदेश मंत्रालय लगातार अपडेट दे रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी आदत के मुताबिक अब तक रात 8 बजे दूरदर्शन के जरिए देश से रूबरू नहीं हुए। ऐसे में कहा जा सकता है कि बडी देर भयी नंदलाला।
ऑपरेशन सिंदूर पर आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी बोल चुके हैं, लेकिन मोदी जी चुप्पी साधे हुए हैं। ये चुप्पी जरूरी है या मजबूरी, पता नहीं। किंतु मोदी जी की चुप्पी की वजह से देश में बेचैनी है। ये पहली बार हो रहा है कि सदैव वाचाल रहने वाले मोदी जी चुप क्यों हैं? वे न मन की बात कर रहे हैं और न अब तक उन्होंने कोई पॉडकास्ट या साक्षात्कार किया है। छनकर आने वाली खबरों के मुताबिक मोदी जी ने गुरुवार को सरकारी विभागों को आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने, संचार में व्यवधान को रोकने, दहशत को दूर करने और आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। लेकिन मैं इसे आधिकारिक सूचना होने का दावा नहीं कर सकता। सरकारी विभागों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का यही संदेश था कि लंबे समय के लिए तैयार रहें।
देश के नाम चीन्ह अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से खबर आई है कि प्रधानमंत्री जी ने विभागों को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों और घबराहट में खरीददारी पर कडी नजर रखने और किसी भी फर्जी खबर को नकारने का निर्देश दिया है। उन्होंने मंगलवार को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की बैठक में जहां से छोडा था, वहीं से अपनी बात शुरू की, जहां एक सूत्र ने उनके हवाले से सहकर्मियों से कहा कि यह तो बस शुरुआत है। मंत्रिमण्डल की बैठक भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले करने के ठीक बाद हुई है।
लगभग 20 सचिवों की एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उनके निर्देशों को पूरा करने के लिए पहल करने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा शामिल है। पीएमओ की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशनल निरंतरता और संस्थागत लचीलेपन को बनाए रखने के लिए मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
सचिवों को अपने-अपने मंत्रालयों और विभागों के संचालन की व्यापक समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह देखा जा सके कि आवश्यक प्रणालियों के कामकाज में कोई गडबडी न हो और उन्हें किसी भी साइबर हमले से बचाया जा सके। परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, उपभोक्ता मामलों के विभागों के सचिवों के साथ-साथ बुनियादी ढांचा क्षेत्र के सचिव भी इस बैठक में शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक सचिव को किसी भी संकट से निपटने के लिए मौजूद प्रणालियों के बारे में बोलने के लिए कुछ मिनट दिए गए।
मैं बार-बार कह रहा हूं कि देश अघोषित युद्ध और अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है, इसलिए जनता को भी इसी हिसाब से मानसिक रूप से तैयार किया जाना चाहिए, अन्यथा भ्रम बना रहेगा। जमाखोरी, मुनाफाखोरी और आपदा में अवसर तलाशने वाले सक्रिय है सकते है। कोविड के दौरान हम सब ये देख चुके हैं। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बढ़ते हालातों के बीच भारत सरकार ने बडा और एहतियाती कदम उठाते हुए देश के कुल 32 हवाई अड्डों को नागरिक उडानों के लिए अस्थाई रूप से बंद कर दिया है। यह पाबंदी 9 मई से शुरू होकर 14 मई तक लागू रहेगी, जो 15 मई को सुबह 5:29 तक प्रभावी मानी जाएगी।
शुरू में लग रहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को अक्ल आ जाएगी, लेकिन अब लगता है कि पाकिस्तान की सेना बाज आने वाली नहीं है। ताजा सूचनाओं के मुताबिक उत्तरी कश्मीर के बारामूला से लेकर गुजरात के भुज तक पाकिस्तान ने शुक्रवार को ड्रोन अटैक किया। 9 मई को पाकिस्तानी सेना ने 26 इलाकों पर ड्रोन से हमला किया। बीते दो दिनों में पाकिस्तान 36 जगहों पर ड्रोन से हमला कर चुका है। गुरुवार के हमले में पाकिस्तान ने सिर्फ ड्रोन का इस्तेमाल किया था, लेकिन शुक्रवार के हमले में उसने ड्रोन के साथ हथियार भी इस्तेमाल किया। पाकिस्तान के हमले का भारतीय सेना ने मुंहतोड जवाब दिया है। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों के विफल कर दिया।
खुदा न खास्ता ये टकराव यदि औपचारिक युद्ध में तब्दील होता है तो समस्याएं बढेंगी ही। ऐसे में यदि प्रधानमंत्री जी खुद राष्ट्र से रूबरू हो लें तो बेहतर है। कायदे से तो अब तक संसद का आपात सत्र बुलाकर देश के सामने वस्तुस्थिति रख देना चाहिए थी। बहरहाल तेल देखिए और तेल की धार देखिए। जागते रहिए, जगते रहिए।