विद्या भारती का पूर्ण कालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग
भोपाल, 05 फरवरी। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान दिल्ली द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पूर्ण कालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग को संबोधित करते हुए शिक्षाविद प्रोफेसर सूर्य नारायणन मूर्ति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार है भारतीय ज्ञान परम्परा। भारत बहुभाषी और अनेकता में एकता वाला विविधताओं से भरा प्राचीन राष्ट्र है। उन्होंने चार पुरुषार्थ और चार आश्रम व्यवस्था की जानकारी विस्तार से दी। भारतीय ज्ञान को पश्चिम के देशों ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। भारत में आयुर्वेदिक उपचार, जैविक खेती, वस्तु विनिमय भारतीय पद्धति अनुसार प्राचीन परम्परा बहुत प्रचलित थी। रिषि पाराशर, वराहमिहिर, विश्वामित्र, पतंजलि, चाणक्य आदि भारतीय श्रषियों की चर्चा की और उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
भारतीय चिंतन और परम्परानुसार भारत में परम्परागत खेल बहुत सारे आज ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाते हैं। भारतीय ज्ञान परम्परा का आधार भारतीय चिंतन है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में विद्याभारती की महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मन्दिर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु संकल्पित है। यह वर्ग 3 मार्च सायं से प्रारंभ हुआ और 8 मार्च सायं तक चलेगा। भोपाल के आवासीय विद्यालय सरस्वती शिशु मन्दिर शारदा विहार परिसर में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ग में विद्या भारती के अखिल भारतीय पदाधिकारी क्षेत्रीय, प्रांतीय पदाधिकारियों का दिशा बोध सभी पूर्ण कालिक कार्यकर्ता बन्धुओं को मिल रहा है।जो हम सभी के कार्य क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बनेगा।