भोपाल 10फरवरी:- सहायक जिला अभियोजन अधिकारी भोपाल ने बताया कि दिनांक 10/02/25 माननीय न्यायालय श्रीमती कुमुदिनी पटेल विशेष न्यायाधीश महोदय, के द्वारा नाबालिक बालिका से दुष्कर्म करने वाले आरोपी लोकेश धुर्वे को धारा 377, 376(क,ख), भादवि एवं धारा 5एम/6 पॉक्सो एक्ट में दोषसिद्ध पाते हुये आरोपी लोकेश धुर्वे को धारा 376(क)(ख) भादवि 5 एम /6 पॉक्सो एक्ट मे 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 रू अर्थदण्ड एवं धारा 377 भादवि मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रू अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया है । उक्त प्रकरण में शासन द्वारा की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुश्री दिव्या शुक्ला द्वारा पैरवी की गई है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
दिनांक 01.06.2022 को अभियोक्त्री अपनी माता के साथ थाना मिसरोद मे उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन प्रस्तुत कर लिखित शिकायत की, दिनांक 31/05/2022 को शाम 05:30 बजे अभियोक्त्री की मॉ अपनी क्लीनिक पर गई थी और अभियोक्त्री को अपनी दोस्त जो कि अभियोक्त्री की टीचर भी थी के घर छोडकर पर चल गई थी, शाम 07:30 बजे वापस आई तो उसे अभियोक्त्री को घर लेकर आई गर्मी होने के कारण जब उसे नहलाने ले गई तो अभियोक्त्री के प्रायवेट पार्ट पर कपडे के ब्लू रेशे जैसी चीज दिखाई दी एवं अभियोक्त्री के प्रायवेट पार्टस के एनल के चारो तरफ स्वेलिंग व रेडनेस थी अभियोक्त्री से पुछने पर बताया कि जब अपने दोस्त के घर मे खेल रही थी तो उसके पापा ने हाल के गेट को लॉक कर दिया और मेरी पेंट उतार दी उसके बाद उसके दोस्त के पापा ने मेरे प्रायवेट पार्ट पर बेड टच किया और प्रायवेट पार्ट की जगह पर मारा एवं कोई चीज पोटी वाली जगह मे अंदर डाली है मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है तो अंकल ने कहा किसी को मत बताना तभी उसकी दोस्त ने दरवाजा खटखटाया और आरोपी लोकेश ने अपने कपडे पहने और मेरे कपडे पहनाये उसके बाद दरवाजा खोला, अभियोक्त्री ने अपनी माता-पिता को पूरी घटना बताई। उक्त घटना के आधार पर पुलिस थाना मिसरोद द्वारा अपराध क्रमांक 295/20 धारा 377, 376 (क,ख) भादवि व 5/6 पॉक्सो एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवचेना मे लिया गया, सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य, तर्को एवं दस्तावेजों से सहमत होते हुऐ आरोपी को दोषसिद्ध कर धारा 376(क)(ख) भादवि 5 एम /6 पॉक्सो एक्ट मे 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 रू अर्थदण्ड एवं धारा 377 भादवि मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रू अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का निर्णय पारित किया है । अभियोक्त्री का माता ने क्षतिपूर्ति लेने से इंकार किया क्योकि क्षतिपूर्ति उसकी बेटी के साथ हुई असहनीय घटना को बार-बार याद दिलायेगी।