विदिशा, 27 अक्टूबर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विदिशा सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय ने डेढ़ साल की बच्ची के साथ मारपीट करने वाली आरोपिया ऊषाबाई पत्नी राजेन्द्र चिढ़ार को धारा 324 भादंवि में तीप वर्ष का सश्रम कारावास, दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 325 भादंवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास, दो हजार रुपए अर्थदण्ड तथा किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 75 के अंतर्गत तीन वर्ष का कठोर सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से सजा सुनाई है। मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती प्रतिभा गौतम ने की।
मीडिया सेल प्रभारी (अभियोजन) जिला विदिशा सुश्री सपना दुबे के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि महिला एवं बाल विकास संरक्षण अधिकारी अनुज जैन को 24 जुलाई 2019 को शाम को 6:40 बजे चाइल्ड लाइन विदिशा नगर समन्वयक अनिल धाकड़ के मोबाइल से फोन आया और बताया कि कि मेन रोड करैयाखेड़ा में आरोपिया ऊषाबाई चिढ़ार एक डेढ़ साल की बच्ची के साथ पिछले सात-आठ दिन से मारपीट कर रही है। रैस्क्यू टीम जिसमें वह स्वयं तथा चाइल्ड लाइन के अनिल धाकड़, बृजेश, अभिनाश, साक्षी एवं निर्भया द्वारा ऊषा चिढ़ार के घर पर रेड किया तो घर के बगल में एक बच्ची (पीडि़ता) जिसकी उम्र डेढ़ वर्ष की थी, मिली थी। पीडि़ता के चेहरे व दांहिनी आंख, दोनों हाथ, दोनों पैर पर नाखून व चोटों के निशान थे। पीडि़ता को जिला अस्पताल विदिशा इलाज हेतु लाए थे। फरियादी अनुज जैन ने घटना की सूचना थाना सिविल लाईन विदिशा में की थी। रिपोर्ट के आधार पर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना के अनुक्रम में अभियाक्त्री को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र सहित न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में आरोपिया को दोष सिद्ध पाते हुए तीन वर्ष का कठोर कारावास से दण्डित किया।