– लंबा अरसा बीतने के बाद भी नहीं हुई पटवारी पर कोई कार्रवाई
भिण्ड, 24 सितम्बर। शायद यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक पटवारी के कारनामों की शिकायत लंबे समय से वरिष्ठ अधिकारियों व मंत्रियों से की जा रही है, लेकिन अभी तक पटवारी पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का लंबा कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री, इसके बाद कमलनाथ और फिर शिवराज सिंह चौहान सीएम पद पर काबिज हुए। वर्तमान में प्रदेश की कमान डॉ. मोहन यादव के पास है, शिकायतकर्ता का कहना है कि मोहन सरकार से उन्हें न्याय की उम्मीद है। फरियादी वर्ष 2007 से अपने साथ हुई धोखाधडी की शिकायतें कर न्याय पाने के लिए भटक रहा है।
जानकारी के मुताबिक रामसेवक शर्मा पुत्र हरिनारायण शर्मा निवासी सिमराव के निवासी हैं। सर्वे क्र.370 फरियादी के नाम से 2.70 हेक्टेयर खसरे में अंकित थी। वर्ष 2007 में बगैर दस्तावेजी प्रमाण के एक हेक्टेयर जमीन भगवान सिंह बगैरा के नाम पर अंकित कर दी गई। इसके बाद उक्त जमीन को पटवारी आशीष त्रिपाठी ने अपनी मां सियाकुमारी व पत्नी की मौसी रजनी पुत्री रामशंकर के नाम रजिस्ट्री करा ली गई। फरियादी को अपने साथ हुई धोखाधडी की जब जानकारी मिली तो उसने आला अधिकारियों व राजनेताओं के यहां गुहार लगाई, लेकिन उसे कहीं से भी न्याय नहीं मिला। इससे हार थक-कर फरियादी ने थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया, मामला दर्ज भी हो गया, लेकिन अभी तक उस पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।
अपर तहसीलदार ने प्रतिवेदन में लिखा था- आदेश का हवाला नहीं
अपर तहसीलदार ने प्रतिवेदन में लिखा था कि पटवारी द्वारा संबत 2059 के खसरा में रकवा 2.70 हेक्टेयर लेख किया गया है, लेकिन आदेश का हवाला नहीं है। रकवे में जो अंतर है वह सीधे पटवारी द्वारा दर्ज किया जाना प्रतीत होता है। इससे साफ है कि पटवारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर बंदरबंाट किया गया है।
सिंचित भूमि को दर्शाया असिंचित
शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से पटवारी ने उक्त रजिस्ट्रियां असिंचित दर्शाकर कराईं, जबकि उक्त भूमि सिंचित थी। सिंचिति भूमि की कीमत गाईड लाईन अनुसार दो करोड से ज्यादा थी, जबकि असिंचित भूमि में उसकी गाईड लाईन अनुसार कीमत 38 लाख 17 हजार रुपए थी। इससे समझा जा सकता है कि किस तरह शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाई गई।
भाजपा नेता का आरोप- पटवारी ने खरीद लिए पट्टे, हों निरस्त
हाल ही में भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह ने प्रभारी मंत्री भिण्ड प्रहलाद सिंह पटेल को पत्र लिखकर विक्रय किए गए पट्टों को निरस्त करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने बताया कि वर्ष 1986-1987 से 2002 तक पट्टे कृषि कार्य हेतु शासन द्वारा प्रदाय किए गए थे, जो अहस्तांतरणीय थे। पट्टे की शर्तों के मुताबिक शर्त क्रमांक 7-1 में उल्लेखित था कि पट्टाधारी भूमि या उसके किसी भाग को विक्रय, भेंट, बंधक, उप पट्टा या अन्य प्रकार से अंतरित नहीं करेगा, इसके बावजूद पट्टाधारी हजारीलाल पुत्र सुदामा, बटूरी पुत्र लालहंस निवासी सिमराव के पट्टे आशीष पटवारी द्वारा अपनी मां, मामी, सास के नाम पर विक्रय कर लिए गए। उन्होंने प्रभारी मंत्री से आग्रह किया है कि पट्टे निरस्त करने के साथ आशीष पटवारी के कार्यकाल व संपत्ति की जांच कराई जाए।
कार्रवाई नहीं होने तक हार नहीं मानूंगा
पीडित किसान रामसेवक शर्मा का कहना है कि वे वर्ष 2007 से पटवारी के कारनामों की शिकायत कर रहे हैं। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं, मुझे न्याय जरूर मिलेगा।