लोक अदालत में 632 लंबित प्रकरणों का हुआ निराकरण

– वर्षों से लंबित मुकद्दमे से छुटकारा पाकर लोगों के चेहरे पर आई खुशी

भिण्ड, 14 सितम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड राजीव कुमार अयाची के निर्देशानुसार एवं (सीनि) विशेष न्यायाधीश/ समन्वयक अधिकारी नेशनल लोक अदालत मनोज कुमार तिवारी तथा जिला न्यायाधीश/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड हिमांशु कौशल के मार्गदर्शन में किया गया।

नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 26 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार में लंबित कुल न्यायालयीन प्रकरण संख्या 632 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें कुल 1605 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि एक करोड 98 लाख 67 हजार 554 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। उक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन जिनमें जल कर, संपत्ति कर, विद्युत बीएसएनएल, बैंक आदि के कुल प्रीलिटिगेशन प्रकरण संख्या 1195 का निराकरण किया गया, जिसमें 1491 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया तथा उक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल राशि 36 लाख 48 हजार 248 रुपए वसूल की गई। वर्ष 2024 की तृतीय नेशनल लोक अदालत में गठित खण्डपीठों द्वारा कई मामलों में पक्षकारों के मध्य आपसी कटुता को समाप्त करते हुए दोनों पक्षों को मिलाने का कार्य किया गया तथा सफल प्रकरणों में पक्षकारों को पौधे भेंट कर उन्हें जीवन में विवाद को समाप्त करने तथा शांति पूर्वक सुखी एवं समृद्ध जीवन व्यतीत करने की सलाह भी दी गई।
लोक अदालत में मिला त्वरित न्याय, दांपत्य जीवन का फिर से शुभारंभ
खण्डपीठ क्र.एक के पीठासीन अधिकारी, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के न्यायालय में लंबित प्रकरण जिसमें आवेदिका श्रीमती सुधा का विवाह अनावेदक गिर्राज व्यास के साथ करीब 15 वर्ष पूर्व हिन्दू विधि से संपन्न हुआ था। उनके एक पुत्री एवं दो पुत्रों का जन्म हुआ था। विवाह के उपरांत आवेदिका व अनावेदक के मध्य छोटी-छोटी बातों को लेकर वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो जाने से आवेदिका अपने व अपनी नाबालिग संतान सरस्वती, पवन व ओम व्यास के साथ अपने मायके में निवास करने लगी। आवेेदिका ने 13 मई 2024 को भरण-पोषण हेतु धारा 125 जाफौ के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया था। उभयपक्ष आज लोक अदालत में कुटुंब न्यायालय खण्डपीठ के समक्ष उपस्थित हुए, उभयपक्ष को साथ-साथ रहने की समझाइश दी गई तो उभयपक्ष साथ रहकर दांपत्य जीवन का निर्वहन करने के लिए तैयार हुए तथा अनावेदक अपनी पत्नी व बच्चे का भरण-पोषण करने के लिए तैयार हुआ। प्रकरण राजीनामा के आधार पर लोक अदालत में समाप्त किया गया। इसप्रकार दोनों पक्षों को त्वरित न्याय मिला और एक बिखरा हुआ परिवार फिर से एक हुआ।
मुकद्दमे से मिला छुटकारा, नवदंपत्ती खुशी-खुशी लौटे अपने घर
खण्डपीठ क्र.एक के पीठासीन अधिकारी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के न्यायालय में लंबित प्रकरण जिसमें आवेदिका खुशबू का विवाह अनावेदक हीरासिंह के साथ आठ फरवरी 2023 में एक वर्ष पूर्व हिन्दू विधि से संपन्न हुआ था, विवाह के उपरांत आवेदिका व अनावेदक के मध्य वैचारिक मतभेत उत्पन्न हो जाने से आवेदिका अपने मायके में निवास करने लगी। आवेदिका ने 15 जुलाई 2024 को भरण-पोषण हेतु धारा 125 जाफौ के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया था। उभयपक्ष आज लोक अदालत में कुटुंब न्यायालय खण्डपीठ के समक्ष उपस्थित हुए, उभयपक्ष को साथ-साथ रहने की समझाइश दी गई तो उभयपक्ष साथ रहकर दांपत्य जीवन का निर्वहन करने के लिए तैयार हुए तथा अनावेदक अपनी पत्नी व बच्चे का भरण-पोषण करने के लिए तैयार हुआ। प्रकरण राजीनामा के आधार पर लोक अदालत में समाप्त किया गया जिसके पश्चात दंपत्ती खुशी-खुशी एक साथ अपने घर को रवाना हुए। उक्त दोनों प्रकरणों में पक्षकारगणों द्वारा एक-दूसरे को फूल मालाएं पहनाई गई तथा उन्हें पीठासीन अधिकारी एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा फलदार पौधे स्मृति स्वरूप भेंट किए गए तथा उन्हें सुखी दांपत्य जीवन की शुभकामनाएं दी गई।