पति-पत्नी ने अदालत में पहनाई माला, किया समझौता

– नेशनल लोक अदालत लहार में वर्षों से बिछुडे पति-पत्नी हुए एक

भिण्ड, 14 सितम्बर। न्यायालय परिसर लहार में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें वर्षों से बिछडे पति-पत्नी सुलाह कर एक हो गए।
पीठासीन अधिकारी/ जिला न्यायाधीश खण्डपीठ क्र.13 नेशनल लोक अदालत लहार राकेश बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि पंकज बघेल निवासी ग्राम ररुआ नं.दो, पोस्ट गांगेपुरा, तहसील लहार का विवाह रामलली उर्फ प्रिया बघेल निवासी ग्राम ग्यारई, तहसील मोठ, जिला झांसी उप्र के साथ 20 जून 2021 को संपन्न हुआ। विवाह के पश्चात रामलली का व्यवहार पंकज बघेल के प्रति अच्छा नहीं रहा। रामलली चार मार्च 2024 को अपने मायके चली गई और अपने साथ कीमती जेबरात ले गई। 15 मार्च को पंकज अपनी ससुराल में रामलली को लेने गया तो उसने अपने पति के साथ आने से मना कर दिया। इसके बाद पंकज अपने पिता और गांव के अन्य संभ्रांत लोगों को लेकर अपनी पत्नी रामलली को लेने उसके मायके गया तो पंकज के ससुराल वालों ने रामलली को साथ भेजने से मना कर दिया तथा पंकज और उसके पिता को कहा कि वह रामलली की अन्य व्यक्ति के साथ विदा करेंगे। रामलली बिना किसी कारण अपने मायके में रह रही है। तब व्यथित होकर पंकज ने जिला न्यायाधीश लहार के न्यायालय में धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम के उपबंधों के अधीन दांपत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के अनुतोष हेतु याचिका प्रस्तुत की।
पंकज बघेल व रामलली उर्फ प्रिया नेशनल लोक अदालत में उपस्थित हुए, उनको पीठासीन अधिकारी राकेश बंसल तथा उभयपक्ष के अधिवक्ता सतीश श्रीवास्तव, अधिवक्ता मुन्नीलाल मिश्रा, अधिवक्ता संघ लहार के अध्यक्ष विकास बिरथरे द्वारा समझाइश दी गई, जिसका प्रभाव यह हुआ कि दोनों पक्षकार राजीनामा करने और साथ में रहकर दांपत्य कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए सहमत हो गए और आयोजित नेशनल लोक अदालत में दोनों पक्षों ने बिना किसी दबाव, प्रभाव के स्वतंत्र सहमति से राजीनामा कर लिया और दोनों न्यायालय से ही एक साथ ग्राम ररूआ नं.दो चले गए।