– दंदरौआधाम में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा
भिण्ड, 28 अक्टूबर। दंदरौआधाम में परिसर में 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में हो रही श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को कथा व्यास दिनेश शास्त्री ने कहा कि जिस कर्म में धर्म ना हो वह कर्म किसी काम का नहीं होता। रावण जो करता था उसके कर्म में धर्म नहीं था, इसलिए धर्म सबसे बड़ा है और धर्म के अनुसार किया गया कर्म ही सर्वश्रेष्ठ है। धर्म युक्त कर्म ही पूजा है।
उन्होंने कहा कि संतों ने आज भी गाय, ब्राह्मण और वेद सुरक्षित रखे हैं, नहीं तो तुम्हें भगवान की कथा भी शुद्ध सुनाने वाले लोग ना मिलते। यदि संत लोगों ने गुरुकुल सुरक्षित ना रखे होते तो तुम्हारी बेटी बेटे के विवाह एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में मंत्र पढ़ने वाले कहां से आते। वह मंत्र पढ़ने वाले जो पंडित जी हैं वह किसी न किसी गुरुकुल से ही पढ़े होंगे, तब वह मंत्र सुना रहे है। इस देश के संतों का गौ पालन और गौ माता को बचाने में बहुत बड़ा योगदान है। सड़क पर घूमती गायों की सुरक्षा नहीं है जो गाय गौशाला में है, वह गाय आज भी सुरक्षित है। कथा के मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत रामभरत पचौरी, गीता पचौरी हैं। इस मौके पर रामवरन पुजारी, जलज त्रिपाठी, नरसी दद्दा सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।







