– पोषण मटके के अंतर्गत विभिन्न व्यंजनों को थालियों में सजाकर उनके उपयोग बताए
भिण्ड, 11 सितम्बर। मप्र शासन के निर्देशानुसार जिला भिण्ड अंतर्गत एक से 30 सितंबर के बीच में पोषण अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत जिला अंतर्गत आंगनबाडी केन्द्र पर आयोजन किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन ने सभी पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने सेक्टर अंतर्गत आंगनबाडी केन्द्र में पोषण गतिविधि का आयोजन किया जाए।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने अवगत कराया कि बच्चों का पोषण उसकी मां के गर्भ से ही शुरू होता है, ऐसे में सभी गर्भवती माताएं एवं धात्री माताएं जो बच्चों को दूध पिलाते हैं, सबसे पहले जरूरी उनका पोषण है, वह अपने पोषण का विशेष ध्यान रखें, अपने भोजन में दैनिक अर्थात स्थानीय स्तर पर मिलने वाले अनाजों को सम्मिलित करें, भारत में और यद्यपि मप्र में अभी भी एनिमिया महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है, जिसे नकारा नहीं जा सकता, यद्यपि शासन की विभिन्न योजनाएं चल रही हैं, किंतु फिर भी कुपोषण एवं एनीमिया को रोकने में अभी भी बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने अवगत कराया कि सामान्यत: पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12 से 16 के बीच और महिलाओं में 11 से 14 के बीच हीमोग्लोबिन सामान्य माना जाता है, इससे कम होने पर समस्या उत्पन्न हो सकती है। विशेष कर छोटे बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी से रक्त का अवशोषण कम हो जाता है, जिससे वह चिडचिडे हो जाते हैं और एक ही कमी कई सारी बीमारियों का कारण बनती है, जिसकी वजह से ऑक्सीजन का इंटेक शरीर में कम हो जाता है और विटामिन डी की कमी हो जाती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उसके साथ-साथ बहुत सी विटामिन और खाद्य पदार्थों की शरीर में कमी हो जाती है जिससे बच्चा कुपोषित हो जाता है।
सक्सेना ने बताया कि सबसे जरूरी है शरीर में आयरन का अवशोषण, अगर आप आयरन संबंधी खाद्य पदार्थ का उपयोग कर रहे हैं तो आपको विटामिन सी की आवश्यकता है, जिसका सिट्रिक एसिड की जरूरत होती है, जिसका सबसे साधारण स्त्रोत टमाटर है, जिसका जो हर घर में उपलब्ध है और जिसे खाने से हम शरीर में आयरन के अवशोषण को बढा सकते हैं, इसी प्रकार से विटामिन डी का भी अवशोषण बहुत जरूरी है, विटामिन डी की कमी से शरीर में बहुत कमी हो जाती हैं और उनके द्वारा अवगत कराया गया कि अपनी दैनिक जीवन में अपना रुटीन सुधार कर हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं, सामान्यत: आज-कल शुगर और हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर सामान्य बीमारियां सभी में देखी जा रही हैं, जो न केवल एक अकुशल दिनचर्या का परिणाम है, हम अपनी दिनचर्या को सुधार कर ऐसी बीमारी से बच सकते हैं, खाने में नमक और शक्कर का कम उपयोग करें मिलेट्स खाएं अंकुरित अनाज खाएं।
इसी प्रकार की यह गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही आज की गतिविधि में पोषण मटका गतिविधि का आयोजन किया गया। जिसमें सभी आंगनबाडी केन्द्रों पर पोषण मटके के अंतर्गत पोषण से संबंधित विभिन्न व्यंजनों को थालियों में सजाकर उनके उपयोग बताए गए, एक थाली में जो कि संतुलित थाली की और अग्रसर होती है, उसमें विभिन्न व्यंजन को सम्मिलित करते हुए संतुलित आहार की जानकारी सभी को दी गई, सभी बच्चों को उसकी जानकारी से अवगत कराया गया। किशोरियों को अवगत कराया गया कि उम्र के हिसाब से सभी में अलग-अलग तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसका उपयोग करना चाहिए, उनकी कमी से शरीर संतुलित हो जाता है और बीमारियां होने लगती हैं, पोषण अभियान के तहत सभी परियोजना अंतर्गत पोषण गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत बच्चों को मनोरंजन की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, उनसे पोषण संबंधी प्रश्नोत्तरी की जाती है और आंगनबाडी केन्द्र अंतर्गत सबसे स्वस्थ बच्चा को बुलाकर पुरुस्कृत किया जाता है और सभी के लिए उसे बच्चों से उसकी दिनचर्या बताने के लिए कहा जाता है, जिसका अन्य बच्चे उत्साहित होते है, इसी प्रकार की गतिविधि संपूर्ण सितंबर माह में आयोजित की जानी है।