– मुख्य नपा अधिकारी क्यों दिखा रहे अस्थाई कर्मचारी पर मेहरबानी
भिण्ड, 02 सितम्बर। दबोह नगर की स्थानीय निकाय में लगे एक अस्थाई कर्मचारी को मौखिक रूप से परिषद कार्यालय से हटाए हुए एक माह हो गया है, पर उस कर्मचारी के द्वारा नगर परिषद कार्यालय का संपूर्ण रिकार्ड अभी तक नहीं दिया गया है। वहीं इस कर्मचारी पर नगर परिषद अधिकारी कुछ ज्यादा ही मेहरबानी करते नजर आ रहे हैं और उसको दोबारा नगर परिषद में रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि एक भाजपा कार्यकर्ता ने उक्त कर्मचारी की शिकायत लहार विधायक अम्बरीश शर्मा से की थी, जिस पर विधायक ने तुरंत संज्ञान लेते हुए उसे नगर परिषद से हटाने के लिए मौखिक रूप से नगर परिषद अधिकारी से कार्रवाई करने को कहा था। जिस पर नगर परिषद अधिकारी ने उस कर्मचारी को पिछले महीने नगर परिषद से मौखिक रूप से हटा दिया था और नगर में शोर मचा दिया कि उक्त कर्मचारी को नगर परिषद से हटा दिया गया है। इस खबर से आम नागरिकों में खुशी की लहर दौड गई, चौपालों पर चर्चा सक्रिय हो गई कि भाजपा विधायक बनते ही परिषद कार्यालय से भ्रष्टाचार खत्म हो रहा है, परंतु कुछ दिन बाद ही नगर में इस मामले की पुन: सुगबुगाहट सुनने को मिलने लगी है। आम नागरिकों की चर्चा में सुनने में आ रहा है कि अभी भी उसके पास प्रधानमंत्री आवास योजना की कुछ फाइलें और दस्तावेज हैं। जो वह नगर परिषद में कार्यालय की एक अलमारी में रखे हुए हैं और उसकी चाबी अपने पास रखता है। उक्त व्यक्ति ने अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना का संपूर्ण रिकार्ड परिषद में किसी भी कर्मचारी को नहीं दिया गया है। जिससे हितग्राहियों की बकाया किस्तें नहीं डल पा रही हैं। लोग तो यहां तक बोल रहे हैं कि उन फाइलों में ही कोई गोलमाल होने की संभावना है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
यहां बता दे कि उक्त कर्मचारी दबोह नगर परिषद में 2019 से काम कर रहा है। तभी से वह प्रधानमंत्री आबास का काम देख रहा था। पूर्व में भी इस कर्मचारी की सबसे ज्यादा सीएम हेल्पलाइन के साथ-साथ मीडिया कर्मियों को उसकी शिकायतें आए दिन मिलती रहती थीं, जिसे मीडिया कर्मियों ने अपने-अपने अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
गौरतलब बात यह है कि दबोह नगर परिषद अधिकारी प्रमोद बरुआ विधायक के निर्देशो को भी नजरअंदाज कर विधायक की स्वच्छ छवि को धूमिल करने से बाज नहीं आ रहे है। जबकि इस भ्रष्ट कर्मचारी के विरोध में नगर परिषद अध्यक्ष के साथ कुछ पार्षद भी खडे हुए हैं। यहां बताना मुमकिन होगा कि इस कर्मचारी का नगर परिषद की पूरी परिषद में विरोध है और छोटे तबके के मतदाता भी इसे कही से कहीं तक पसंद नहीं करते है। अब ऐसी कौन सी वजह है कि सिर्फ नगर परिषद अधिकारी इस अस्थाई कर्मचारी को बचाने में इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहे हैं।