बिन्नू रोनें-गानें नइयां

– राकेश अचल


बिन्नू रोनें-गानें नइयां
रत्ती भर पछतानें नइयां
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मैडल जाए भाड में बिन्नू
हमखों मैडल चानें नइयां
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तुमनें धुजा खूब फैराई
नेकऊ रंज मनानें नइयां
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थम्मा छू कें तुम बैठीं हो
ई के आंगे जानें नइयां
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तुमें मिलौ जो मान कसम सें
और काऊ को पानें नइयां
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हमनें जान लई सच्चाई
दुनिया खों समझानें नइयां
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कोहिनूर हौ फोगाट बिन्नू
तुमसी कोऊ ठानें नइयां
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जो हो गओ सो हो गओ बिन्नू
गोर हमें अब गानें नइयां