चारधाम यात्रा को निकला आधा सैकडा भक्तों का जत्था

-चार धाम यात्रा के दौरान संपूर्ण भारत के धर्मिक स्थलों के दर्शन होते है

भिण्ड, 16 जुलाई। भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार भारत भ्रमण चार धाम यात्रा का जाना सनातन धर्म में सौभाग्य माना गया है। जिस हेतु मंगलवार को एक जत्था करीबन 50 लोग चौधरी टेबल्स भिण्ड के माध्यम से चार धाम यात्रा के लिए रवाना हुए हैं।
इस अवसर पर चर्चा के दौरान यात्री रमेशचंद्र कटारे ने बताया कि हमारी सनातन परंपरा रही है कि मनुष्य अपने सभी कर्तव्य पूर्ण कर बच्चों के विवाह संस्कार बुजुर्गों (माता-पिता) की सेवा के उपरांत अपने चौथेपन में गंगोत्री उत्तराखंड से जल भरकर बाबा केदारनाथ एवं बद्रीनाथ के दर्शन पश्चात वापस आते हैं। उसके बाद कुछ समय घर पर रह कर चार धाम यात्रा के लिए यात्रा आरंभ की जाती है, जो कि पहला धाम बद्रीनाथ है, उसके बाद दूसरा जगन्नाथपुरी उडीसा, तीसरा रामेश्वरम तमिलनाडु और चौथ द्वारकापुरी गुजरात सहित समस्त भारत भ्रमण का लाभ उठाकर 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर देश के प्रदेशों में अन्य भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर पुन: घर वापसी होती है। यात्रा में जाने वाले भक्तों को उनके परिजन बहिनें, बुआ, बेटियां फूलमाला पहनाकर उनको हल्दी कुमकुम से टीका लगा कर बैण्ड बाजों के साथ विदाई करते है। इस यात्रा में जाने वालों में सूरतराम शर्मा जोशी, जयकिशन शर्मा, रमेशचंद्र कटारे, नरेशचंद्र कटारे, भूरे कटारे सहित करीब आधा सैकडा भक्तों में करीब 25 महिलाएं और पुरुष साथियों का जत्था रवाना हुआ है।