भिण्ड, 03 जनवरी। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में वेतन वृद्धि को लेकर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन द्वारा श्रमायुक्त मप्र इंदौर के नाम श्रम पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष विनोद सुमन, महासचिव अनिल दोनेरिया, जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के अन्य लोग शामिल रहे।
ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि उद्योग क्षेत्र में मजदूरों के संगठन ने प्रदेश में मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ मांग की है, प्रदेश सरकार पुन: निरीक्षण न्यूनतम वेतन को लागू कर एरियर सहित भुगतान सुनिश्चित किया जाए। क्योंकि पिछला न्यूनतम वेतन पुनरीक्षक वर्ष 2014 में हुआ था, तब से अभी तक नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ। जबकि नियमानुसार पांच वर्ष बाद इसमें बढोतरी करना चाहिए, वह नहीं की गई। इसकी समय-समय पर यूनियन संगठन के माध्यम से जिला कलेक्टर एवं श्रम पदाधिकारी को बराबर सूचना देते रहे, दूसरी लडाई लडते-लडते संघर्ष करते रहे। वर्ष 2023 में छह अक्टूबर राजपत्र में इसे प्रकाशित किया गया, दूसरे सलाहकार समिति व श्रमिक संगठनों की राय भी नहीं है, इतने गुपचुप तरीके से अपनाई गई प्रक्रिया कि मजदूर वैधानिक समय सीमा में आपत्ति दर्ज न कर सकें, क्योंकि अक्टूबर 2023 के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता लागू हो गई, यह मूल कारण आपत्ति का समय नहीं मिला, मप्र शासन के श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन पुन: निरीक्षण हेतु वेतन सलाहकार बोर्ड की 15 नवंबर 2019 को हुई बैठक की अनुशंसा को आधार बनाकर न्यूनतम वेतन को पुन:निरीक्षण के प्रस्ताव को राजपत्र में उल्लेख किया जाना जरूरी है। हमारे श्रम संगठनों की मांग है कि 26 हजार रुपए मासिक वेतन कर उसे बाध्यता समाप्त कर सभी श्रेणियां के श्रमिकों को देने की है। परंतु इस मांग को दरकिनार कर दिया गया, गुपचुप तरीके से इसलिए प्रत्येक मजदूरों को 26 हजार रुपए वेतन देने का राजपत्र में दर्शाया।