रबी में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को उपयोगी सलाह

भिण्ड, 21 दिसम्बर। रबी फसलों में अधिक और गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त करने के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने किसान भाईयों को उपयोगी सलाह दी है।
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास आरएस शर्मा ने कृषकों को सलाह दी है कि किसान भाई चना एवं सरसों की फसल में पहली सिंचाई के बाद 19:19:19 नत्रजन पुटाश उर्वरक की स्फुर एक से डेढ किलोग्राम प्रति एकड के हिसाब से 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। इसी तरह चना (वनस्पतिक) की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसान भाई चने की फसल में इल्ली का निरीक्षण करते रहें। साथ ही खेत में 20 फुट की दूरी पर जे टाईप खूंटी लगा दें। साथ ही प्रकाश या फेरोमेन प्रपंच का प्रयोग करें। चने की फसल तीन से चार सप्ताह की होने पर खुटाई का कार्य भी अवश्य करें।
गेहूं की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि गेहूं की फसल में पहली सिंचाई बोवाई के 20 से 25 दिन बाद और दूसरी सिंचाई बुवाई के 40 से 45 दिन के बीच अवश्य करें। साथ ही नत्रजन का छिडकाव भी करें। गेहूं की फसल को दीमक और जड माहू के प्रकोप से बचाने के लिए क्लोरपारीफॉस 20 ईसी/ 1.25 से 1.5 लीटर दवा को 60 से 80 किलो बालू या रेत के साथ मिलाकर सिंचाई से ठीक पहले भुरकाव करें। किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि आने वाले तीन दिनों के दौरान रात्रि का न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री के आसपास रह सकता है। इसलिए किसान भाई नए पौधों (वनस्पतिक) को ठण्ड से बचाने के लिए पौधों के आस-पास खरपतवार लगाएं, जिससे नमी बनी रहे और पौधा सुरक्षित रहे।