कचरे के पृथकीकरण हेतु दो डिब्बे और एक बैग अपनाने की विधि कार्यक्रम आयोजित
भिण्ड, 05 अक्टूबर। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रयोजित कार्यक्रम स्वच्छता पखवाडा के अंतर्गत जन शिक्षण संस्थान भिण्ड द्वारा कार्यालय परिसर में कचरे के पृथकीकरण के लिए दो डिब्बे और एक बैग अपनाने की विधि जागरुकता कार्यक्रम संस्थान के निदेशक संतोष दुबे के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
इस अवस पर संतोष दुबे ने बताया कि सिर्फ गीले कचरे (जैसे हरी सब्जियों के छिलके, बचे हुए भोजन, दाल, रोटी) से कम्पोस्ट खाद बनाकर इसका निपटारा किया जा जाता है। सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक, लकडी, धातु, रसायनों से निर्मित पेकिंग सामग्री-थरमकोल आदि के कचरे का निपटारा करने का अलग तरीका होता है। सूखे और गीले कचरे को मिक्स करने पर इनको बाद में अलग-अलग करना असंभव हो जाता है और इस कारण मिक्स कचरे का निपटारा बहुत मुश्किल हो जाता है। इस कारण से सूखे और गीले कचरे को अलग अलग कूडेदान में रखने के लिए कहा जाता है और घरों से दोनों तरह के कचरे को अलग-अलग ले जाया जाता है। पहले जब हम कडी धूप में सफर करते हैं तो एक बडे पेड के पास पहुंच जाते हैं, जिसकी काफी छांव होती है। हम वहां आराम करते हैं और हम फिर से जीवंत हो जाते हैं और अपने स्थान तक पहुंचने के लिए आगे की यात्रा करते हैं। लेकिन आज हम अपने कंक्रीट की दीवार वाले घर में घुसकर एयर कंडीशनर चालू कर देते हैं। आज एयर कंडीशनर, कंप्यूटर एक्सेसरीज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, प्लास्टिक पैकेजिंग का प्लास्टिक का पुराना कचरा हमारी पृथ्वी के लिए खतरा है।
कार्यक्रम में संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी दिनेश शर्मा, सहायक कार्यक्रम अधिकारी अंजली शर्मा, योगेन्द्र सिंह तोमर, फील्ड कॉर्डीनेटर संतोष कुमार गुर्जर, लेखाकार हेमंत शर्मा, लिपिक अजय सिंह कुशवाह, कंप्यूटर ऑपरेटर जितेन्द्र शर्मा, प्रशिक्षिका मिथलेश सोनी, अनीता श्रीवास्तव, मधू, सविता श्रीवास, प्रशिक्षक अवधेश शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा, स्थानीय समाजसेवी एवं में 40 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।