जीवन को अनुशासित बनाए रखने का कार्य करती है एनएसएस

उत्कृष्ट विद्यालय में हर्षोल्लास से मना एनएसएस का स्थापना दिवस

भिण्ड, 25 सितम्बर। शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक भिण्ड में रविवार को राष्ट्रीय सेवा योजना का 54वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एनएसएस के जिला संगठक डॉ. आरए शर्मा और डॉ. शैलेन्द्र परिहार, विशिष्ट अतिथियों में समाजसेवी कवियत्री डॉ. उमा शर्मा, डॉ. ज्योति परिहार, कवि कौशलेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाह, रछेडी प्राचार्य आरबी शर्मा, भूपेन्द्र सिंह कुशवाह मंचासीन रहे। अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य सतेन्द्र सिंह कुशवाह ने की। स्वागत भाषण और कार्यक्रम प्रतिवेदन रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर ने प्रस्तुत किया एवं संचालन अंशिका मिश्रा, सोनू बघेल ने किया।
सर्वप्रथम अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद और मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर ने स्वागत भाषण दिया और स्वयं सेवकों ने अतिथियों का तिलक एवं एनएसएस बैज लगाकर स्वागत किया। इस दौरान छात्राओं ने एनएसएस लक्ष्य गीत एवं स्वागत गीत की प्रस्तुती दी एवं अन्य छात्र-छात्राओं ने नृत्य, वादन, गायन, नाटक जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि रासेयो के जिला संगठक प्रो. डॉ. आरए शर्मा ने बताया कि रासेयो स्वयं सेवक में आंतरिक स्वच्छता के रूप में मन को सकारात्मक बनाए रखने का कार्य कर उसमें सदचरित का निर्माण करता है तथा बाहरी स्वच्छता के रूप में देश को स्वच्छ बनाकर महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रही है। साथ ही जीवन को अनुशासित बनाए रखने का कार्य एनएसएस करती है। उन्होंने स्वयं सेवकों को पढाई के साथ जिले में प्रेरक स्वरूप सकारात्मक कार्य करते रहने का आह्वान किया। दूसरे मुख्य अतिथि डॉ. शैलेन्द्र सिंह परिहार ने स्वयं सेवकों को मार्गदर्शन देते हुए बताया कि सभी स्वयं सेवकों को एनएसएस के प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर उनके जैसा युग पुरुष बनना है। उन्होंने बताया कि स्वयं को धीरे-धीरे आगे बढाते चलना है और स्वयं को रोल मॉडल के रूप में समाज में स्थापित करना है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. उमा शर्मा ने सेवा, पर्यावरण, देश सेवा के विषय में छात्रों से चर्चा की। साथ ही स्वयं सेवकों से देश ने लिए समर्पित रहने का आह्वान किया। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से स्वयं सेवकों को प्रोत्साहित किया। विशिष्ट अतिथि राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त पर्वतारोही वरिष्ठ स्वयं सेवक धर्मेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि रासेयो स्वयं सेवक के व्यक्तित्व का निर्माण कर समाज को सच्चे सेवक प्रदान करती है। सभी स्वयं सेवक जीवन में वह सब हांसिल कर सकते है, जिसके लिए वे बने हैं, बशर्ते मेहनत करते रहें सफलता का कोई शार्ट-कट नहीं है। विशिष्ट अतिथि शिक्षक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि स्वयं सेवकों को राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को बनाए रखते हुए समाज को जोडकर रखने का कार्य करना है। समाज में विभाजन की खाई को पाटना है। विशिष्ट अतिथि कवि कौशलेन्द्र सिंह कौशल ने कविताओं के माध्यम से बेटियों का आह्वान किया और समाज उत्थान करने का संदेश दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. ज्योति परिहार ने बताया कि शिक्षा को व्यवहारिक रूप से धरातल पर प्रयोग करने का मंच रासेयो ने प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि सभी स्वयं सेवकों का अनुशासन देखकर एवं उनसे मिलकर वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उन्होंने बच्चों से पढाई में खूब मन लगाने की बात भी कही।

अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य सतेन्द्र सिंह कुशवाह ने स्वयं सेवकों से कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सेवा को वास्तविक बनाने के लिए धरातल पर कार्य करते रहना होगा, हमें क्रेडिट लेने के पीछे भागने के बजाय पीछे रहकर वास्तविक कार्य कर दूसरों को क्रेडिट देना चाहिए, यही राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य भी है। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवक अपने लक्ष्य के प्रति सदैव समर्पित रहे। कार्यक्रम का आभार प्राचार्य ने व्यक्त किया गया।
इस दौरान पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कार्यक्रम अधिकारी धीरज सिंह गुर्जर ने सभी अतिथियों को तुलसी का पौधा स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया। कार्यक्रम के अंत में सभी विशेष उपलब्धि प्राप्त कर चुके स्वयं सेवकों एवं कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले स्वयं सेवकों को मेडल पहनाकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में रानू चौधरी, सौरभ खण्डेलवाल, हरेन्द्र गौतम, शिवप्रताप, ऋतिक, तुलसी, साक्षी, इशिका, कामिनी, अतुल, हिमांशु, सचिन, प्रतिक्षा, सोनू, अंशिका सहित डेढ सैंकडा से अधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहे।