भिण्ड, 25 सितम्बर। प्रथम अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट जिला भिण्ड के न्यायालय ने थाना मिहोना के प्रकरण क्र.57/2013 एसटी में हत्या के मामले में अभियुक्तगण लल्लूसिंह पुत्र श्यामलाल सिंह चौहान उम्र 50 वर्ष, रघुराज सिंह पुत्र राधेश्याम उम्र 44 वर्ष, बच्चू सिंह पुत्र श्यामलाल सिंह चौहान उम्र 58 वर्ष, लाखन सिंह पुत्र चंदन सिंह राजपूत उम्र 70 वर्ष, कुंवर साहब सिंह पुत्र मोकम सिंह राजपूत उम्र 33 वर्ष, शैलू उर्फ शैलेन्द्र सिंह पुत्र लाखन सिंह राजपूत उम्र 45 वर्ष को धारा 148 भादंसं में तीन-तीन वर्ष के कठोर करावास, धारा 302/149 भादंसं में आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 307/149 भादंसं में दस-दस वर्ष के कठोर कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। विचारण के दौरान आरोपी राधेश्याम की मृत्यु हो जाने से 19 फरवरी 2021 को उसके विरुद्ध प्रकरण की कार्रवाई समाप्त की गई थी। प्र्रकरण का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी भिण्ड अरविंद कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में अपर लोक अभियोजक भिण्ड सबल सिंह भदौरिया ने किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी भिण्ड प्रवीण कुमार गुप्ता ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि रामू उर्फ भानूप्रताप सिंह ने 17 अक्टूबर 2012 को शाम पांच बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिहोना में देहाती नालिसी तत्कालीन थाना प्रभारी लहार सुनील खेमरिया को इस आशय की दर्ज कराई कि वह ग्राम खुर्द का निवासी होकर खेती करता है, बबलू कोरी की जमीन संबंधी उसका विवाद शैलू और बच्चू सिंह से चल रहा था, जिस संबंध में उसने पूर्व में कई रिपोर्टें थाने में की हैं तथा न्यायालयीन कार्रवाई भी चल रही है। उक्त विवाद पर 17 अक्टूबर कोदोहपर 2.30 बजे के लगभग रामू उर्फ भानुप्रताप, उसका भाई चन्द्रेश सिंह उर्फ पिंकू, मामा का लडका अमर सिंह एवं चाचा का लडका धर्मेन्द्र सिंह फसल काटने के लिए मजदूर करने जा रहे थे तभी साधू के मकान के पास आरोपीगण शैलू सिंह, बच्चू सिंह, रघुराज सिंह, लाखन सिंह, राधेश्याम सिंह, लल्लू सिंह, कुंवर साहब एवं तीन अन्य लोग (जिन्हें सामने आने पर पहचान लेगा) गालियां देते हुए एकराय होकर सभी लोग बंदूकें लेकर आए और उन लोगों को जान से मारने की नियत से अपनी-अपनी बंदूकों से गोलियां चलाने लगे। मामले के अनुसार आरोपीगण में से चार-पांच लोग 315 बोर एवं चार-पांच लोग 12 बोर की बंदूकें लिए थे। आरोपी बच्चू सिंह ने रामू के मामा के लडके अमर सिंह को गोली मारी जो पैर में लगी, अमर सिंह वहीं गिर गया, वे लोग चबूतरे की आड में छिप गए, कुछ समय बाद बडा भाई चन्द्रेश उर्फ पिंकू खडा होकर अमर सिंह को उठाने गया तब आरोपी शैलूसिंह ने चन्द्रेश को सीने में गोली मारी, चन्द्रेश वहीं गिर गया। उसके बाद आरोपी रघुराज सिंह ने आकर चन्द्रेश के मुंह पर बंदूक का बट मारा और कहा कि मर गया, चलो सब लोग चलें। उसके बाद रामू एवं उसका भाई धर्मेन्द्र उक्त दोनों आहतगण के पास पहुंचे और दोनों को खींचते हुए कुंआ के पास लाए तथा थाना प्रभारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों को मोबाइल से घटना की जानकारी दी और बताया कि जल्दी आओ, नहीं तो ये लोग सभी को मार डालेंगे। सभी आरोपीगण ने धमकी दी कि रिपोर्ट करने गए तो तुम्हें भी इसी तरह जान से मार देंगे और चले गए। आधा घण्टा बाद पुलिस आकर चन्द्रेश एवं अमर सिंह को अस्पताल ले गई, जहां चन्द्रेश उर्फ पिंकू को मृत घोषित कर दिया एवं अमर सिंह को भिण्ड रैफर कर दिया। देहाती नालिसी के आधार पर अपराध क्र.76/12 पर प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेखबद्ध की गई, विवेचना दौरान मर्ग कायम किया गया।