ओजोन परत जीवन रक्षक छाते की तरह होती है : ऋषीश्वर

हम फाउण्डेशन ने मनाया हिन्दी पखवाडा

भिण्ड, 24 सितम्बर। हम फाउण्डेशन सिटी एवं विवेकानंद शाखा द्वारा ओजोन दिवस और हिन्दी पखवाडा का कार्यक्रम हाउसिंग कॉलोनी स्थित निजी कोचिंग संस्थान पर किया गया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार प्रदीप ऋषीश्वर, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. इकबाल अली, प्रांतीय संगठन मंत्री शैलेष सक्सेना, सिटी शाखा अध्यक्ष अरविंद सिंह भदौरिया, विवेकानंद शाखा अध्यक्ष योगेश शर्मा आदि उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि प्रदीप ऋषीश्वर ने ओजोन परत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि धरती पर जीवन के प्रमुख कारकों में हवा, पानी की तरह सूर्य की किरणें भी शामिल है। पराबैंगनी किरण काफी घातक होती हैं, वायुमण्डल का आजोन परत सभी घातक किरण को सोख कर मानव के लिए उपयोगी किरण धरती पर भेजता है। यह जीवन रक्षक छाते की तरह है, लेकिन बढते कल कारखाने और वाहनों से निकलने वाले धुंए ने इस परत को नुकसान पहुंचाया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संगठन मंत्री शैलेष सक्सेना ने बताया कि पहली बार विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर 1995 को मनाया गया था। वायुमण्डल के ओजोन परत में लगातार हो रही छेद के कारण सूर्य की किरण के साथ जमीन पर पराबैंगनी किरण पहुंच रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसान देह हैं। सिटी शाखा अध्यक्ष अरविंद भदौरिया ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी और पर्यावरण के लिए सुरक्षा कवच का कार्य करती है। आज के समय में बढते औद्योगीकरण के कारण वायुमण्डल में कुछ ऐसे रसायनों की मात्रा बढ गई है, इसके दुष्प्रभाव से ओजोन पर खतरा बढता जा रहा है। उसके रोकथाम हेतु हम सभी लोगों को जागरूक होना पडेगा।
हिन्दी और संस्कृत केवल एक भाषा बनकर रह गई
विवेकानंद शाखा के अध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि देश के आजाद होने के बाद भी आज हमें हिन्दी पखवाडा व हिन्दी दिवस मनाने की जरूरत पडती है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, इसके पीछे हमारा अव्यवस्थित प्रारूप है कि हिन्दी और संस्कृत केवल एक भाषा बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह कार्य करें कि सिर्फ एक हिन्दी पखबाडा नहीं बल्कि पूरा वर्ष ही हिन्दीमय रहे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।