भिण्ड, 27 जुलाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के निर्देशानुसार ‘बच्चों को मैत्री पूर्ण विधिक सेवाएं’ योजनांतर्गत ‘बाल यौन शोषण एवं बच्चों से संबंधित कानून’ विषय पर गुरुवार को शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक भिण्ड के विधिक साक्षरता क्लब और सामाजिक न्याय विभाग भिण्ड के समन्वय में छात्र-छात्राओं के बीच नुक्कड नाटक प्रदर्शित किया गया।
नाटक में दिखाया गया कि एक परिवार में पिता अपनी खुशी का राज पडोसी को बताते हुए कहता है कि अपन तो मजे में हैं, मैंने दोनों बच्चे फैक्ट्री में लगवा दिए हैं, अब पैसे की कोई कमी नहीं है। तभी स्कूल मास्टर आकर उस पिता को समझाता है कि आप यह गलत कर रहे हैं, बच्चों को बाल मजदूरी में नहीं लगाया जा सकता, ये सरासर अपराध है, बच्चों के अधिकारों का हनन है। किसी भी पिता या परिवार को अपने फायदे के लिए ऐसा नहीं करना चाहिए। बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 के अनुसार ये अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों को पढने और खेलने का अधिकार है। तभी पास में खडे व्यक्ति ने कहा कि छोटे बच्चों को बाहर काम पर भेजने से बच्चों के साथ ऊंच नीच भी हो सकती है, वे यौन शौषण का भी शिकार हो सकते हैं। तब मास्टर जी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति 18 साल से कम उम्र के बच्चो के साथ अश्लील हरकत करता है, उन्हें गंदा साहित्य पढाता या गंदे चित्र, वीडियो दिखाता है और गंदी मानसिकता के साथ उन्हें स्पर्श करता है, तो संविधान में इसके लिए पोक्सो एक्ट बनाया गया है। यह कानून बच्चों के यौन अपराध, यौन उत्पीडन तथा पोनोग्राफी से संरक्षण प्रदान करने के लिए 2012 में लागू किया गया, जिसमे उम्र कैद और मौत की सजा तक का अब प्रावधान हो गया है। ये कानून सभी को पता होना चाहिए।
यह नुक्कड नाटक जिला विधिक सहायता अधिकारी सौरभ कुमार दुबे के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में किया गया। जिससे लोगों में बाल यौन शौषण और अपराधों के खिलाफ जागरुकता लाई जा सके और बढते अपराधो पर अंकुश लगे। नाटक में सामाजिक न्याय विभाग से नरेश सिंह तोमर, विजय सिंह और रामौतार के साथ संस्था के छात्रों ने सहभागिता की। इस दौरान विधिक सेवा प्राधिकरण से महेन्द्र सिंह भदौरिया, संस्था के एकेडमिक प्रभारी आरबी शर्मा, विधिक साक्षरता क्लब प्रभारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।