मालनपुर में 105 बीघा भूमि पर सैनिक स्कूल भवन 101 करोड 11 लाख की लागत से मप्र बिल्डिंग डबलपमेंट कार्पोरेशन एजेंसी के द्वारा होगा निर्मित
भिण्ड, 10 जुलाई। जिले में स्थापित होने वाले सैनिक स्कूल की प्रगति की समीक्षा को लेकर पूर्व सांसद भिण्ड डॉ. भागीरथ प्रसाद ने सोमवार को कलेक्टर भिण्ड के साथ बैठक की।
बैठक में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बताया कि गोहद की गल्लामण्डी के समीप मॉडल उमावि भवन में जुलाई से कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी। सैन्य अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान उक्त भवन को सैनिक स्कूल के संचालन के लिए उपर्युक्त पाया है। भवन में वांछित सुधार किए गए हैं। लगभग 19 एकड भूमि की कम्पाउण्ड वॉल दो करोड 60 लाख की लागत से बनाई जा रही है। परिसर को स्कूल के लिए समतल किया गया है। स्कूल के लिए इस वर्ष 60 से 90 छात्रों के प्रवेश की संभावना है, जिसमें 10 से 20 लडकियां भी सम्मिलित होंगी। सभी छात्रों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था होगी। शिक्षकों के लिए समीपस्थ बीएसएनएल के तीन आवासीय भवन किराए पर लिए गए हैं। प्राचार्य के आवास के लिए स्वतंत्र मकान की व्यवस्था की जा रही है।
वहीं पूर्व सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद ने कहा कि संसद में निरंतर चार वर्ष चर्चा तथा रक्षा मंत्रालय में बैठकों के पश्चात तीन अक्टूबर 2018 को रक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल 60 साल बाद भिण्ड जिले में स्वीकृत हुआ है। मप्र में भिण्ड जिले से सर्वाधिक युवा सेना में जाते हैं। सैनिक स्कूल की स्थापना से चंबल के युवाओं को सिपाही से सेना में अफसर बनने का अवसर मिलेगा।
भिण्ड जिले में सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री मप्र शासन शिवराज सिंह चौहान के साथ केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। रक्षा मंत्रालय की ओर से सैनिक स्कूल निर्माण के लिए 101 करोड 11 लाख रुपए की स्वीकृति हुई है। सर्व सुविधायुक्त विशाल सैनिक स्कूल भवन के लिए 250 करोड का व्यय होगा। केन्द्रीय शासन की नीति अनुसार अब प्राइवेट क्षेत्र से ही ऐसे स्कूल बनेंगे। भिण्ड जिले का सैनिक स्कूल भारत का आखरी शासकीय स्कूल होगा। विगत 150 वर्षों में चंबल के सपूतों के सेना में शौर्य, वीरता, बलिदान के प्रति सच्ची श्रृद्धांजलि होगी।