उपतहसील के बकीलों ने काली पट्टी बांधकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 13 अप्रैल। दबोह उप तहसील के बकीलों ने गुरुवार को अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर तहसीलदार दर्शन सिंह जाटव को ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में मांग की गई है कि दबोह को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की घोषणा 23 सितंबर 2008 को लहार में आयोजित जन आशीर्वाद रैली कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी। जिसकी सारी औपचारिकता शासन द्वारा पूरी कर ली गई थी। यहां तक कि बजट में 28 जुलाई 2018 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। पर दबोह उप तहसील को आज तक पूर्ण तहसील का दर्जा नहीं मिला। इसके लिए बकील कई बार शासन को स्मरण पत्र, ज्ञापनों के माध्यम से अवगत करा चुके हंै।
बता दें कि अभी मुख्यमंत्री ने जहां-जहां भी तहसील की घोषणा की उन सभी जगहों पर नवीन तहसीलों का गठन कर दिया गया है। लेकिन दबोह को पूर्ण तहसील का दर्जा 2008 से अभी तक नहीं मिला। यहां बताना मुमकिन होगा कि दबोह को पूर्ण तहसील का दर्जा दिलाने के लिए नगर वासियों ने कई बार धरना प्रदर्शन भी किए गए, यहां तक कि दबोह उप तहसील को पूर्ण तहसील दिलाने के लिए बकीलों ने भी क्रमिक अनशन भी कर चुके हैं पर शासन, प्रशासन द्वारा हर बार आश्वासन मिला है। जिसके चलते आज दबोह उप तहसील के बकीलों ने एक ज्ञापन सौंपा गया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भिण्ड जिले में मुख्यमंत्री ने अभी हाल ही में अमायन को नई तहसील बनाई गई है। फिर दबोह के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। जबकि दबोह तथा क्षेत्र के किसानों, महिलाओं को तहसील से संबंधित काम के लिए 26 किमी दूर लहार भागना पड़ता है। इससे नगर वासियों के साथ साथ बकीलों में भारी रोष व्याप्त है।
ज्ञापन देने वाले बकीलों में यमुना प्रसाद कुशवाह, पर्वत कुशवाह, काशीराम, अजय उदेनिया, चन्द्रप्रकाश त्रिपाठी, विनोद श्रीवास्तव, बालाराम जाटव, सुनील गोस्वामी, अजमेर सिंह कौरव, शंकर सिंह बघेल, संतोष कुशवाह, अर्जन सिंह जाटव आदि प्रमुख हैं।