– ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है : सांसद राय
– ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से विकास भी आगे बढेगा और योजनाएं भी बनेंगी : मंत्री शुक्ला
भिण्ड, 17 अगस्त। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के संबंध में परिचर्चा एवं परामर्श सम्मेलन का आयोजन मेहगांव के रामलीला मैदान में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में सेवानिवृत न्यायाधीश मप्र उच्च न्यायालय एवं संयोजक ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ समिति रोहित आर्या, मुख्य अतिथि सांसद संध्या राय उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने भारत माता के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश मप्र उच्च न्यायालय एवं संयोजक ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ समिति रोहित आर्या ने एक राष्ट्र एक चुनाव के संबंध में परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए महत्वपूर्ण कदम है एक राष्ट्र एक चुनाव हमारे लिए सर्वप्रथम सर्वोपरि है, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है, एक राष्ट्र एक चुनाव बार-बार होने से हमारे लोकतंत्र को खोखला कर रहें, सिर्फ राजनीति ही नहीं प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हो इसके लिए सभी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के साथ प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का आज संकल्प लें। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा अपनी जीवंत चुनावी प्रक्रिया के आधार पर फल-फूल रहा है और नागरिकों को हर स्तर पर शासन को सक्रिय रूप से आकार देने में सक्षम बनाता है। उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव प्रणाली लाभ, चुनौतियां एवं प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त बनाएगा, सरकारी कोष पर पडने वाला आर्थिक बोझ कम होगा, विकास की गति बढेगी तथा देश विकास और सुशासन की नई बुलंदियों तक पहुंचेगा। एक राष्ट्र एक चुनाव विकसित भारत के निर्माण और भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक नए युग की शुरुआत होगी।
सांसद संध्या राय ने कहा किएक राष्ट्र, एक चुनाव के इस विचार को एक साथ चुनाव के रूप में भी जाना जाता है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही साथ कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि इन चुनावी समय-सीमाओं को एक साथ जोडने के दृष्टिकोण का उद्देश्य चुनावों के लिए किए जाने वाले प्रबंध से जुडी चुनौतियों का समाधान करना, इसमें लगने वाले खर्च को घटाना और लगातार चुनावों के कारण कामकाज में होने वाले व्यवधानों को कम करना है। भारत में एक साथ चुनाव कराने के संबंध में उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को 2024 में जारी किया गया था। रिपोर्ट ने एक साथ चुनाव के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान की। इसकी सिफारिशों को 18 सितंबर 2024 को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकार किया गया, जो चुनाव सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग समय पर चुनाव होने के कारण सरकारी खर्च बढ जाता है और आदर्श आचार संहिता के कारण विकास गतिविधियों में बाधा आती है।
नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए युवाओं को जागृत करते हुए कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए युवा और मातृशक्ति किसान को जागरुक होना पडेगा, इसके लिए हम लोगों को जागृत करें भारत सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लेकर चुनाव खर्च की कटौती के लिए आप सभी के विचार और सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के लगने से बार-बार क्षेत्र का विकास अवरुद्ध होता है, इसीलिए एक साथ चुनाव होंगे तो विकास भी आगे बढेगा और योजनाएं भी बनेंगी।
इस अवसर पर विधायक भिण्ड नरेन्द्र सिंह कुशवाह, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, पूर्वमंत्री ओपीएस भदौरिया, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रमेश दुबे, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष केपी सिंह भदौरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक और बडी संख्या में माताएं-बहनें उपस्थित रहीं।