कैकेयी की जिद की वजह से राम को वनवास हुआ: रामस्वरूपाचार्य जी

मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर में चल रही श्रीराम कथा का छटवां दिवस

भिण्ड, 20 फरवरी। श्री मंशापूर्ण हनुमान जी की प्रेरणा से चल रही श्रीराम कथा के पांचवे दिन श्रीश्री 1008 जगद्गरू श्री रामस्वरूपचार्य जी ने राम विवाह की कथा का वर्णन किया। इस अवसर पर श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज दंदरौआ सरकार भी मंचासीन रहे।
जगद्गरू श्री रामस्वरूपचार्य जी श्रीराम वनवास की कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि वाल्मीकि की लिखी रामायण के अनुसार कैकेयी की जिद की वजह से राम को वनवास हुआ था, दासी मंथरा के बहकावे में आकर कैकेयी ने राजा दशरथ से ये वचन मांगा। उन्होंने अपने बेटे भरत के लिए राजगद्दी तथा राम को 14 वर्ष वनवास देने का वचन मांग लिया। दशरथ ये वचन देते वक्त बेहद दुख की अवस्था में थे, लेकिन वचनबद्ध होकर वह कुछ नहीं कर सके। यह बात तो हम सभी जानते हैं कि भगवान श्रीराम को 25 वर्ष की आयु में वनवास जाना पड़ा। लेकिन इन 14 सालों में वह कहां-कहां और किन-किन लोगों से मिले, इस बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज हम इसी विषय पर जानकारी शेयर कर रहे हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार श्रीराम वनवास काल के दौरान सर्वप्रथमा सरयू नदी के तट पर पहुंचे। यह अयोध्या से 20 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके बाद गोमती नदी को पार करके श्रृंगवेरपुर पहुंचे जो कि प्रयागराज से करीब 20 से 22 किमी दूर है। श्रृंगवेरपुर निषादराज का राज्य था। इसी जगह उन्होंने केवट से गंगा पार कराने को कहा था। यहां पर भगवान राम एक दिन ठहरे थे। लंका से लौटते समय यहां रामजी ने केवट से फिर भेंट की। यहां केवट ने देवी सीता समेत माता गंगा की पूजा की थी। उन्होंने कहा कि भगवान राम का बनवास अकेले हुआ, लेकिन लक्ष्मण और सीता भी उनके साथ वन में गई और उन्होंने पति धर्म का पालन हुए भगवान श्रीराम के प्रति आस्था व्यक्त की और चित्रकूट में 12 वर्ष तक भगवान राम ने अपना समय व्यतीत किया और ज्यादा अयोध्यावासी की भीड़ देख कर फिर वह स्थान को छोड़कर आएंगे और बंकी और चले गए।
कथा की आरती में भिण्ड दतिया सांसद संध्या राय, परीक्षत बृजभूषण सिंह तोमर, मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर समिति के अध्यक्ष एवं जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्यामसुंदर सिंह जादौन, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अवधेश सिंह कुशवाह एडवोकेट, मायाराम शर्मा एडवोकेट, ओमप्रकाश पुरोहित, बिहारी बाल मन्दिर के संचालक राजेश शर्मा, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती कृष्णकांता तोमर, आभा जैन, नागरिक सहकारी बैंक की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती ऊषा नगरिया, पूरन सिंह राजावत, भाजपा जिलामंत्री राघवेन्द्र सिंह भदौरिया एवं उपेन्द्र राजौरिया, जिला कार्यालय प्रभारी आरबी सिंह बघेल एडवोकेट, पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा, अभिभाषक राममिलन शर्मा, भाजपा नेता विनोद शिवहरे मौजूद थे।

भरत चरित्र कथा का प्रसंग आज

श्री मंशापूर्ण हनुमान जी मन्दिर की अनुकंपा से चल रही श्रीराम कथा में 21 फरवरी भरत चरित्र की कथा का वर्णन श्रीश्री 1008 रामस्वरूप आचार्य मुखारविंद से किया जाएगा। वहीं 22 फरवरी को हनुमान चरित्र, 23 फरवरी को राज्याभिषेक की कथा का प्रसंग होगा। आप सभी से आग्रह है कि राम जन्म की कथा में शामिल होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।