बाढ़ आपदा से घबराईये मत, मैं आपके साथ हूं : संजीव सिंह

विधायक ने बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का किया दौरा, पीडि़तों के लिए खोले लंगर

भिण्ड, 06 अगस्त। सिंध नदी में आए उफान ने कई गांव तबाह कर दिए। बाढ़ आपदा से सैकड़ों परिवार घर से बेघर हो गए ऐसी स्थिति में विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने बाढ़ पीडि़तों के बीच पहुंचकर उनका दुख दर्द बांटने का प्रयास किया। शुक्रवार को उन्होंने सिकाटा पंचायत की ग्राम दौनियापुरा, खैरा, श्यामपुरा, टेहनगुर, जखमौली, ककाहरा बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का दौरा किया। बाढ़ पीडि़त लोगों के बीच पहुंचकर उनके नुकसान की बात की तो पीडि़तों के आंसू छलक पड़े।
पीडि़तों के आंसू पोंछते हुए विधायक कुशवाह ने कहा कि बाढ़ आपदा से आप घबराईये मत, मैं आपके साथ हूं। आप लोगों का जितना भी नुकसान हुआ है उसका सर्वे कराकर पूर्ण मुआवजा दिलवाऊंगा। जब तक बाढ़ का पानी नियंत्रण में नहीं होता तब तक आप सभी लोगों की रहने एवं खाने की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहेगी। विधायक के समर्थकों द्वारा बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में नाश्ता एवं भोजन बंटवाया जा रहा है। विधायक ने बताया कि भिण्ड में अत्यधिक मात्रा में बारिश होने तथा डैम खुलने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हुए हैं। चंबल नदी का जलस्तर बढ़कर 127.77 मीटर और सिंध का जलस्तर 19.40 मीटर हो गया है। मेरे द्वारा बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है। बीते दिन की तुलना में आज जलस्तर कुछ कम हुआ है। कुछ जगहों पर मेरी गाड़ी नहीं पहुंच पाई तो मैं स्वयं ट्रैक्टर चलाकर लोगों के बीच पहुंचा और बाढ़ प्रभावित लोगों का दुख दर्द सुना उन्हें ढांढ़स बंधाया। कुछ ग्रामवासी अपने घर, खेती को लेकर चिंतित थे उन्हें शासन से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। आपदा की इस घड़ी में शासन, प्रशासन एवं रेस्क्यू टीमें राहत कार्य में लगी हुई हैं बाढ़ आपदा से लगातार संघर्ष किया जा रहा है।

पूर्व सांसद भी पहुंचे बाढ़ पीडि़तों के बीच

पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह ने शुक्रवार को ग्राम कचौंगरा, ओझा, डुढिय़न, दाह का पुरा, हार का पुरा, द्वार, मडनई जैसे बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों का भ्रमण किया। बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में चारों तरफ पानी की स्थिति को देखते हुए बताया कि बाढ़ से क्षेत्र के लोगों का बहुत नुकसान हुआ है। बाढ़ पीडि़त अभी भी अपने-अपने घरों की ओर देख रहे हैं कि कैसे बाढ़ ने उनके गृृहस्थ जीवन को बर्वाद कर दिया। पूर्व सांसद ने बाढ़ पीडि़तों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनी। भोजन एवं ठहरने की व्यवस्थाएं करवाई। जिन लोगों का बाढ़ से घर एवं खेती बर्वाद हुई है उसका सर्वे करवाकर मुआवजा दिलवाए जाने की बात कही।