विधायक संजीव सिंह द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह आज

लगभग दो हजार शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित

भिण्ड, 04 सितम्बर। भिण्ड विधायक संजीव सिंह कुशवाह द्वारा प्रति वर्ष शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष भी संस्कृति मैरिज गार्ड बाईपास रोड भिण्ड में जिले के लगभग तीन हजार शिक्षकों को सम्मान किया जाएगा।
विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने पत्रकारवार्ता में बताया कि हम तीन हजार शिक्षकों का सम्मान समारोह संस्कति मैरिज गार्डन, वायपास रोड भिण्ड में करने जा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता भिण्ड दतिया सांसद श्रीमती संध्या राय करेंगी। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविन्द सिंह भदौरिया, विशिष्ट अतिथि नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष नाथूसिंह गुर्जर, जिला पंचायत भिण्ड की अध्यक्ष श्रीमती कामना सुनील सिंह भदौरिया, नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती वर्षा-अमित वाल्मीकी, खाद एवं बीज निगम के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह कुशवाह, भाजपा के जिला महामंत्री धीरसिंह भदौरिया, जनपद पंचायत भिण्ड की अध्यक्ष श्रीमती सरोज बघेल होंगी।
उन्होंने बताया कि प्राचीनकाल से ही गुरुओं का हमारे समाज में सर्वोच्च स्थान है, उसी परंपरा को साकार रूप देने के लिए हमने यह कार्यक्रम 2018 से प्रारंभ कर आजीवन करने का संकल्प लिया है। हम अपने द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर राष्ट्र के निर्माण में उनके योगदान को याद करते हैं तथा गुरुओं के प्रति अतुलनीय सम्मान के भाव को जाग्रत बनाए रखने के लिए यह कार्यक्रम निरंतर आयोजित करते आ रहे है। शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होता है, किसी देश की भावी पीढ़ी कैसी होगी, इसका संपूर्ण दायित्व हमारे शिक्षक समाज पर ही होता है, किसी भी देश के उत्थान एवं पतन में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, हमारे शिक्षकों द्वारा बालकों में नैतिक संस्कार दिए जाते है, जो शिक्षक पूरे वर्ष संपूर्ण मनोयोग से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करते है तो हमारा भी दायित्व बन जाता है कि वर्ष में एक दिन पांच सितंबर को हम सभी उन्हें सम्मानित कर उनके योगदान को अविस्मरणीय बनाएं। जब हम शिक्षकों का सम्मान करते है तो वह निश्चित रूप से दोगुने उत्साह के साथ अपने दायित्व का पूर्ण ईमानदारी एवं सत्य निष्ठा के साथ निर्वाहन करते है। हमारे देश में प्राचीनकाल से ही गुरू-शिष्य परंपरा चली आ रही है जिसमें गुरूओं को ईश्वर से भी श्रेष्ठ माना गया है। देश को नई गति, नई दिशा एवं नई लय देने के लिए एक उत्कृष्ट शिक्षक का होना जरूरी है, जो हमारे बच्चों में नई ऊर्जा का संचार कर सकें।