10 वर्ष से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोहरा आजीवन कारावास

धारा 354 भदावि का मामला दर्ज होने के बाद न्यायालय में बयान के आधार पर अभियोजन के आवेदन को स्वीकार कर आरोपी नीलेश अहिरवार के विरुद्ध बढ़ाई धारा 376
न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) श्रीमती पदमा जाटव ने लगातार दी आठवी सजा
नाबालिगों के लैंगिग शोषण के प्रति संवेदनशील है न्याया पालिका

भोपाल, 20 मई। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट भोपाल श्रीमती पदमा जाटव के न्यायालय ने आपराधिक विशेष प्रकरण क्र.29/21 थाना स्टेशन बजरिया के अपराध क्र.13/20 में 10 वर्ष की बच्ची का यौन शोषण करने वाले आरोपी नीलेश अहिरवार पुत्र राजारमेश को धारा 376ए, बी भादंवि तथा 5एम/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास तथा धारा 376(2)एन भादंवि 5एन/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास व एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 354 भादंवि, 11(1)/12 में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाएगा। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजकगण टीपी गौतम, श्रीमती मनीषा पटेल एवं श्रीमती सरला कहार ने की।
जनसंपर्क अधिकारी/ एडीपीओ भोपाल मनोज त्रिपाठी के हवाले से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा पटेल बताया कि 11 जनवरी 2020 को शाम 6:30 बजे अभियोक्त्री की मां घर पर थी और अभियोक्त्री उम्र 10 वर्ष घर के बाहर खेल रही थी, तभी अभियोक्त्री घर में आई और उसने अपनी मां को बताया कि जब वह बाहर खेल रही थी, तभी मोहल्ले में रहने वाला नीलेश अहिरवार आया और उससे कहा कि यदि मेरे साथ गलत काम करोगी तो मैं तुम्हे पैसे दूंगा और आरोपी ने अपने कपड़े खोलकर बच्ची को दिखाया। तब उसकी मां द्वारा थाने में सूचना देने पर आरोपी के विरुद्ध 10 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ की रिपोर्ट लेखबद्ध कर आरोपी के विरुद्ध न्यायालय में मुकद्दमा प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में अभियोजन द्वारा बहुत ही सतर्कता, सावधानी पर्वूक तथा बुद्धिमता से अभियोक्त्री के बयान कराए गए तथा अभियोक्त्री ने अपने न्यायालयीन कथन में बताया कि आरोपी ने उसके साथ 20-25 बार गलत काम किया गया है। तब अभियोक्त्री के उक्त न्यायालयीन बयान के आधार पर अभियोजन द्वारा आरोपी के विरुद्ध चार्ज परिवर्तन का आवेदन दिया गया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया। न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य तथा मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उक्त धाराओं में आरोपी को दोहरे आजीवन कारावास से दण्डित किया।