पुलिस ने की वलवा मॉक ड्रिल की रिहर्सल, टीआई घायल

आगामी त्योहारों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए की जा रही थी पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल रिहर्सल

भिण्ड, 24 अप्रैल। आगामी त्योहारों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान के नेतृत्व में रविवार को डीआरपी लाइन में बलवा मॉक ड्रिल की गई। मॉकड्रिल के दौरान टियर गैस के गोले फेंकने के दौरान दंगाई पक्ष के ग्रुप में शामिल गोरमी थाना प्रभारी सुरेश शर्मा झुलस गए।


इसमें एक ग्रुप उपद्रवियों का बनाया गया, मॉकड्रिल में पहले दंगाइयों ने हमला किया। उपद्रव रोकने के लिए पुलिस ने पहले लाठी चार्ज किया। उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन जब वह नहीं माने तो आंसू गैस के गोले फेंके, मगर जब दंगा शांत नहीं हुआ तो आरोपियों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस द्वारा फायरिंग की गई। इस पूरी प्रक्रिया को पुलिस लाइन में दोहराया गया। दंगा खत्म होने के बाद गाडिय़ों को चेक किया गया।
पुलिस बल को बलवा ड्रिल के लिए अलग-अलग अश्रु गैस पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी और रिजर्व पार्टी बनाई गई एवं बलवा ड्रिल का पूर्ण अभ्यास करवाया गया, जिसमें कि होने वाली कानून व्यवस्था में किस तरह काम करना चाहिए का अभ्यास किया गया, पुलिस अधीक्षक स्वयं द्वारा उक्त बलवा ड्रिल को देखा गया एवं आवश्यक दिशा निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिए गए।
मॉकड्रिल के दौरान एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारियों को समझाते हुए कहा कि मॉकड्रिल केवल डेमो है, जबकि नॉर्मल स्थिति में ऐसा नहीं होता है। अगर दंगाई हमारे किसी पुलिसकर्मी को पकड़ते हैं या उसकी राइफल छीन ले जाते हैं तो यह बहुत बड़ी घटना हो जाती है। इसलिए इस स्थिति को नार्मल में घटित ना होने दें। मॉकड्रिल का मतलब सांकेतिक होने वाली हिंसा और दंगों को रोकने के लिए एक प्रक्रिया है। इसके लिए हमेशा तैयार रहें और चौकन्ना रहें। मॉकड्रिल के दौरान सभी थानों के प्रभारी और पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

टीआई हुए घायल

आगामी त्योहारों पर शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चल रही थी पुलिस लाइन में मॉकड्रिल रिहर्सल में टियर गैस के गोले फेंकने के दौरान दंगाई पक्ष के ग्रुप में शामिल गोरमी थाना प्रभारी सुरेश शर्मा झुलस गए। जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।