भिण्ड, 13 अप्रैल। लहार नगर के फार्मेसी कॉलेज में लहार विधायक डॉ. गोवन्दि सिंह द्वारा श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का आयोजन कराया जा रहा है। जिसमें व्याख्यान देते हुए आचार्य गोस्वामी श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने मात्र से व्यक्ति की भगवान में तनमयता हो जाती है।
उन्होंने कहा कि धर्म जगत में जितने भी योग, यज्ञ, तप, अनुष्ठान आदि किए जाते हैं, उन सब का एक ही लक्ष्य होता है कि हमारी भक्ति भगवान में लगी रहे मैं अहर्निश प्रतिक्षण प्रभु प्रेम में ही समाया रहूं। संसार के प्रत्येक कण में हमें मात्र अपने प्रभु का ही दर्शन हो। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से भक्त के हृदय में ऐसी भावनाएं समाहित हो जाते हैं और मन, वाणी और कर्म से प्रभु में लीन हो जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत के प्रारंभ में सत्य की वंदना की गई है, क्योंकि सत्य व्यापक होता है सत्य सर्वत्र होता है और सत्य की चाह सबको होती है। पिता अपने पुत्र से सत्य बोलने की अपेक्षा रखता है भाई भाई से सत्य पर चलने की चेष्टा करता है मित्र मित्र से सत्यता निभाने की कामना रखता है यहां तक की चोरी करने वाले चोर भी आपस में सत्यता बरतने की अपेक्षा रखते है, इसलिए प्रारंभ में श्री वेदव्यास जी ने सत्य की वंदना के द्वारा मंगलाचरण किया है और भागवत कथा का विश्राम ही सत्य की वंदना के द्वारा ही किया है। (सत्यं पं धीमहि) क्योंकि सत्य ही कृष्ण है सत्य ही प्रभु श्रीराम है सत्य ही शिव एवं सत्य ही मां दुर्गा है अत: कथा श्रवण करने वाला सत्य को अपनाता है सत्य में ही रम जाता है यानी सत्य रूप परमात्मा में विशेष तन्यमता आ जाती है माना जीवन का सर्वश्रेष्ठ परम धर्म यही है कि जीवन में अपने इष्ट के प्रति प्रगाढ़ भक्ति हो जाए।
श्रीव्यास जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत में निष्कपट धर्म का वर्णन किया गया है जो व्यक्ति निष्कपट हो, निर्मत्सर हो उसी व्यक्ति की कथा कहने एवं कथा श्रवण करने का अधिकार है। उन्होंने बताया श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का संकल्प लेने मात्र से अनिरुद्ध के पितामह श्रीकृष्ण भक्त के हृदय में आकर के अवश्रृद्ध हो जाते है। कथा कम में श्री आचार्य जी ने श्रीमद् भागवत् को वेदरूपी वृक्ष का पका हुआ फल बताया और अन्य फलों की अपेक्षा इस भागवतरूपी फल में गुठली एवं छीलका ना होकर केवल रस म ही भरा है इस कथा को जीवन पर्यन्त व्यक्ति को पान करना चाहिए। कथा पंडाल में दूसरे दिन हजारों की संख्या में कथा श्रवण करने के लिए लोग उपस्थित हुए और कथा रसपान किया इस दौरान लहार विधायक के अलावा बड़ी संख्या में लोग कथा श्रवण करने के लिए पंडाल में मौजूद रहे।