मुनिश्री ने डीडी नगर जैन मन्दिर में भगवान जिनेन्द्र के अभिषेक व शांतिधारा कराई

ग्वालियर, 09 अप्रैल। मप्र शासन राजकीय अतिथि मेडिटेशन गुरू मुनि श्री विहसंत सागर महाराज एवं मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज ससंघ जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर अहिंसा के अवतार भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक मनाने ग्वालियर पधार रहे हैं। शनिवार को डीडी नगर जैन समाज के लोगों ने भव्य अगवानी की।


जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मुनि श्री विहसंत सागर महाराज व विश्वसूर्य सागर महाराज लक्ष्मणगढ़ से सुबह पद विहार कर दीनदयाल नगर स्थित जैन मन्दिर पहुंचे। जहां मुनिश्री ने मंत्रों का उच्चारण कर समाज जनों ने पीले वस्त्रों धारण कर कलशों की जलधार से भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक व शांतिधारा कराई। मुनिश्री ने भगवान जिनेन्द्र देव के दर्शन किए। वहीं जैन समाज के लोगों ने मुनिश्री के पदाप्रक्षालन कर मंगल आशीर्वाद लिया।

मुनिश्री का महावीर जयंती के लिए भव्य मंगल प्रवेश आज

श्री महावीर जंयती महोत्सव समिति, अखिल जैन समाज वृहत्तर ग्वालियर के तत्वावधान में मेडिटेशन मुनि श्री विहसंत सागर महाराज एवं मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश 10 अप्रैल को सुबह सात बजे से जैन सिद्धक्षेत्र गोपाचल पर्वत से जैन समाज के लोग गाजे-बाजे के मुनिश्री संसघ की भव्य आगवानी करेंगे। मंगल प्रवेश शोभायात्रा गोपाचल पर्वत से शुरू होकर नौगजा रोड, शिंदे की छावनी, छप्पर वाला पुल, फालक बाजार, राम मन्दिर, गस्त का ताजिया, नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला पहुंचेगी। जैन समाज मुनिश्री की जगह-जगह पदप्रक्षालन एवं आरती उतारेंगे। चंपाबाग धर्मशाला में पहुंचने पर मुनिश्री के मंगल प्रवचन होंगे।

पाश्चात्य संस्कृति और गलत संस्कारों से हमेशा रहें दूर : विहसंत सागर

मुनि श्री विहसंत सागर महाराज ने डीडी नगर जैन मन्दिर में आशीष वचन देते हुए कहा कि संस्कृति के साथ संस्कार भारत की धरा पर अभी भी जिंदा हैं। शिक्षा के साथ भारतीय संस्कृति व संस्कार बच्चों में देना आवश्यक है। माता-पिता अपने बच्चों को संस्कारित अवश्य करें। मुनिश्री ने कहा कि शिक्षक तो लौकिक शिक्षा देते हैं। लेकिन संस्कार माता-पिता और घर के बुजुर्ग ही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे तो उस माटी की तरह है, जिन्हें जैसा ढाला जाए वैसे ढल जाते हैं। इसलिए बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहिए।