मुनिश्री विहसंत सागर ससंघ का ग्वालियर महावीर जयंती के लिए हुआ मंगल विहार

महावीर जयंती समिति ने करहल मैनपुरी जाकर मुनिश्री को किया था आमंत्रित

ग्वालियर, 06 अप्रैल। श्री महावीर जंयती महोत्सव समिति, अखिल जैन समाज वृहत्तर ग्वालियर एवं सहयोगी संस्था दिगंबर जैन युवा जागरण मंच ग्रेटर की ओर से 14 अप्रैल को अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान महावीर स्वामी की जयंती महोत्सव पर सम्मिलित होने के लिए ग्वालियर पधारे मप्र शासन के राजकीय अतिथि मेडिटेशन गुरू मुनि श्री विहसंत सागर महाराज व मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज भिण्ड, जैन तीर्थ बरसों, मेहगांव से पदयात्रा कर बुधवार को गोहद में मंगल प्रवेश हुआ।
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि 14 अप्रैल को अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान महावीर जयंती महोत्सव में सम्मिलित होने के लिए मेडिटेशन गुरू मुनि श्री विहसंत सागर महाराज एवं मुनि श्री विश्वसूर्य सागर महाराज को बुधवार को श्री दिगंबर जैन युवा जागरण मंच ग्रेटर ग्वालियर के रवि जैन, नीरज जैन, प्रवक्ता सचिन जैन, सौरभ जैन, अमित जैन, सचिन जैन मुरार ने मेहगांव से गोहद तक मंगल विहार कराया। गोहद की सकल जैन समाजजनों के लोगो ने मुनिश्री ससंघ का गाजे-बाजे के साथ भव्य मंगल प्रवेश कराया। मुनिश्री की शाम 4:30 बजे गोहद से मालनपुर ग्वालियर की ओर मंगल विहार करेंगे।

अहिंसक वह व्यक्ति है जिसके मन में प्रेम और करुणा है : मुनिश्री

गोहद स्थित दिगंबर पाश्र्वनाथ जैन मन्दिर में मुनि श्री विहसंत सागर महाराज ने आशीष वचन देते हुए कहा कि जीवन स्तर सुधारने के लिए पैसे के फेर में पडऩे से बचना आवश्यक है। जरूरत से ज्यादा पैसा बनाने की लिप्सा मन में हिंसा का कारक होती है। पैसा आज हिंसा का पर्याय बन गया है। जहा पैसे भूख होगी वहा झगड़े-झझट होंगे, तेरा-मेरा का भाव पनपेगा। इस हिंसा को केवल और केवल अहिंसा द्वारा ही खत्म किया जा सकता है। ईंट का जवाब पत्थर से देने की प्रवृति से हिंसा खत्म नहीं होगी। शाति कभी अशाति से नहीं प्राप्त हो सकेगी। लेकिन यह अंहिसा क्या है। अहिंसक वह व्यक्ति है जिसके मन में प्रेम और करुणा है। वह भी जिसकी अपनी जुबान पर लगाम नहीं है। जो समय का पाबंद नहीं है, समाज और पर्यावरण के प्रति सजग और सपर्मित नहीं है। इसलिए अहिंसा ही परमोधर्म है। वास्तव में अहिंसा ही सभी समस्याओं का समाधान है।