कन्याओं को कुमकुम से टीका कर उन्हें फल और मिठाई दीं

भिण्ड, 02 अप्रैल। अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को संस्कृति से रूबरू कराते हुए नितिन दीक्षित ने सबसे पहले कन्याओं को कुमकुम से टीका किया और उन्हें फल और मिठाई दिए। नववर्ष की शुभकामनाएं सभी को प्रेषित की और कहा कि जीवन में उन्नति के पथ पर चले दूसरों की भलाई के लिए ही जीवन ईश्वर ने हमें दिया है हमेशा दूसरों की भलाई के बारे में सोचें।
दीक्षित ने कहा कि त्यौहारों की धरती भारत में ‘हिन्दू नववर्ष’ का खास महत्व है, चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को वर्ष प्रतिपदा या युगादि भी कहा जाता है। इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरंभ होता है। कहते हैंं कि शालिवान नामक एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से शत्रुओं का पराभव किया था। इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि’ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘गुड़ी पड़वा’ के रूप में मनाया जाता है। किवदंतियों के अनुसार इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था, तो इसी दिन से नया संवत्सर (नवसंवत्सर) भी शुरू होता है। शुक्ल प्रतिपदा का दिन चंद्रमा की कला का प्रथम दिवस माना जाता है। जीवन का मुख्य आधार ‘वनस्पतियों को सोमरस’ चंद्रमा ही प्रदान करता है और इसे ही औषधियों और वनस्पतियों का राजा कहा गया है। संभवत: इसीलिए इस दिन को वर्षारंभ माना जाता है।