मारपीट कर हत्या करने वाले चार आरोपियों को आजीवन कारावास

एक अन्य आरोपी नारायण चौधरी की विचारण के दौरान हो चुकी है मौत

सागर, 31 मार्च। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर के न्यायालय ने सभी मारपीट कर हत्या करने वाले आरोपीगण दीपेश चौधरी, गुड्डू चौधरी, पप्पू उर्फ भगवानदास चौधरी एवं राजकुमार चौधरी निवासीगण सूबेदार वार्ड, जिला सागर को धारा 302/34 भादंवि में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 449 भादंवि में पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदण्ड, धारा 427 भादंवि में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। जबकि एक अन्य आरोपी नारायण चौधरी की विचारण के दौरान मौत हो चुकी है। प्रकरण में उपसंचालक अभियोजन अनिल कुमार कटारे ने राज्य शासन की ओर से पक्ष रखा एवं सहायक जिला अभियोज अधिकारी सौरभ डिम्हा ने प्रकरण में सहयोग किया।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि थाना कोतवाली में 29 अप्रैल 2019 को जिला अस्पताल से देहाती नालसी लाकर थाना में अभियुक्तगण के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। जिसमें फरियादी ने बताया कि 28 अप्रैल 2019 को रात्रि 10.30 बजे अपने घर पर था, पास मेें ही मेरा भाई रहता है, उसके घर की तरफ से गाली गलौच की आवाज आई तो मैं और मेरी मां ने बाहर आकर देखा तो दीपेश चौधरी और गुड्डू चौधरी हाथ में लोहे की पाईप लिए थे और मेरे भाई को गालियां दे रहे थे। भाई ने गालियां देने से मना किया तो दोनों आरोपियों ने पैर पर रॉड मारी। जिससे मेरा भाई जमुना जमीन पर गिर गया। मेरे भाई ने अपने बीच-बचाव मे पत्थर फेंके थे, तब पत्थर दीपेश और गुड्डू को लगे। फिर मेरा भाई बचने के लिए अपने मकान पर घुस गया औ अंदर से दरवाजा लगा लिया तो दीपेश, गड्डू गाली देते हुए जोर जोर से चिल्लाने लगे। तो नारायण दास चौधरी, राजकुमार चौधरी, पप्पू चौधरी तीनों आ गए और दरवाजे पर ईंट-पत्थर मारने लगे। पंाचे अभियुक्तगण कह रहे थे कि आज जान से खत्म करना है और पांचों ने मिलकर दरवाजा तोड़ दिया और डंडे, ईंट-पत्थर से मेरे भाई के साथ मारपीट करने लगे। राजकुमार नेकेंची जैसा हथियार जिसमें मेरे भाई के सिर पर मारी और खींच कर घर के बाहर पटक दिया। सारी घटना मेरी मां ने पड़ोसियों को बताई थी फिर पांचों धमकी देते हुए वहां से चले गए। जमुना को ऑटो से इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टर ने बताया कि वह खत्म हो गया। उक्त घटना के संबंध में प्रकरण को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर सभी आरोपीगण दीपेश चौधरी, गुड्डू चौधरी, पप्पू उर्फ भगवानदास चौधरी एवं राजकुमार चौधरी को धारा 302/34 भादंवि में आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माना, धारा 449 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माना, धारा 427 भादंवि में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित करने का आदेश दिया है।