बिना सद्गुरु के सदमार्ग नहीं मिलता : मंगलेश्वरी

भिण्ड, 25 मार्च। बिना सद्गुरु के मनुष्य भगवान की भक्ति नहीं कर सकता। गुरु के बिना मार्गदर्शन के जीवन में ईश्वर को पाना बहुत कठिन है। यह उद्गार श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास जी महाराज के सानिध्य में दंदरौआ धाम में श्रीराम कथा में प्रवचन करते हुए महामण्डलेश्वर कनकेश्वरी देवी की शिष्या मंगलेश्वरी देवी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि एक कहावत है कि जब तक मिट्टी कुम्हार के हाथ से आकार नहीं लेती तब तक वह किसी भी आकार में नहीं आती। ऐसे ही बिना गुरु के सानिध्य के मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति होना बहुत कठिन है। जैसे कुआं में बिना गिर्री के अगर आप पानी निकालोगे तो आप की ताकत भी ज्यादा लगेगी और रस्सी भी घर्षण से कमजोर हो जाती हैं और पानी भी आधा अधूरा ही निकलेगा लेकिन अगर आप गिर्री का उपयोग करते हैं तो आप पानी को खींचोगे तो शक्ति भी कम लगेगी, रस्सी भी सही सलामत रहेगी और पानी की बाल्टी पूरी भरी निकलेगी। गुरु के सानिध्य में किया हुआ कार्य गिर्री के समान होता है। कथा के मुख्य यजमान श्रीमती सरोज अशोक द्विवेदी हैं। श्रीराम कथा का आयोजन एक अप्रैल तक चलेगी।