दबंगों ने किया मन्दिर की जमीन पर कब्जा, रास्ता भी किया बंद

दस्यु सम्राट ने बनवाया था मन्दिर, अब गिरने के कगार पर
कभी होता था राष्ट्रीय स्तर के दंगल का आयोजन

लहार/भिण्ड, 06 मार्च। सन 1970 के दशक में चंबल घाटी के कुख्यात बागी रहे दस्यु सम्राट पंचम सिंह चौहान ने अपने पैतृक गांव ग्राम सिंहपुरा में मां राजराजेश्वरी मन्दिर का भव्य निर्माण करवाया था। उक्त मन्दिर की व्यवस्था के लिए पंचम सिंह द्वारा जमीन खरीदकर मन्दिर के नाम की गई थी। मन्दिर में विधिवत पूजा अर्चना के साथ अखण्ड ज्योति भी जलती थी एवं प्रति वर्ष नवदुर्गा में राष्ट्रीय स्तर के विशाल दंगल एवं मेले का आयोजन होता था। सन 1972 में पंचम सिंह ने अपने सभी 555 बागी साथियों के साथ महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा जिला मुरैना में सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। पंचम सिंह के समर्पण के बाद मन्दिर की जमीन पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर लिया और जमीन की आय का निजी हित में उपयोग करने लगे। मन्दिर की देख-रेख व्यवस्था की ओर कोई ध्यान न दिए जाने के कारण मन्दिर जर्जर हालत में आ गया और कभी भी गिर सकता है। ऐसी संभावना है कि मन्दिर तक पहुंचने वाले आम रास्ते पर भी दबंगों ने कब्जा कर लिया, चबूतरे बना लिए जिसके चलते दर्शनार्थी वाहन लेकर मन्दिर तक नहीं पहुंच पाते।
सामाजिक कार्यकर्ता संतोष चौहान ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि मन्दिर की जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराएं एवं आम रास्ते से कब्जा हटवाकर मन्दिर को प्रशासनिक देख-रेख में लेकर उसका जीर्णोद्धार कराया जाए।