भगवान श्रीराम के ताक ने भर से मानव का कल्याण निश्चित है : मां कनकेश्वरी

त्याग तपस्या आराधना का केन्द्र है विजयराम धाम खनेता : रामभूषण दास

भिण्ड, 16 फरवरी। श्री रघुनाथ मन्दिर विजयराम धाम खनेता में श्रीराम कथा के अवसर पर महामण्डलेश्वर मां कनकेश्वरी ने भक्तगणों को श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए कहा कि प्रभु राम किसी को ताक भर देख लें उसका कल्याण निश्चित है, उदाहरण स्वरूप उन्होंने बताया कि सीता माता के स्वयंवर में धनुष तोडऩे जब सभी लोग बड़े-बड़े राजा महाराजा पहुंचे, दस हजार व्यक्तियों के बल के बराबर धनुष तोडऩे के लिए जब भगवान प्रभु राम ने धनुष की परिक्रमा की, सभी इष्ट देवी-देवता, गुरुजनों का नमन किया और जरा सी नजर भर के ताका की धनुष स्वता ही टूट गया। धनुष मन ही मन खोखला हो गया और कहने लगा प्रभु मुझे तोड़ दो और स्वयं ही टूटने के लिए लालायित हो गया।
मां कनकेश्वरी ने कहा कि भगवानश्री और गुरुजनों की दृष्टि भी क्या कमाल कर देती है, शिशुओं के भीतर काम क्रध विराग द्वेष नष्ट कर देती है। लेकिन उनकी वह दृष्टि साफ होती है तब दिव्य प्रकाश का उद्गम होता है, राम की इच्छा सबसे बड़ी शुद्धता है, राम की इच्छा ही समय की शुद्धता है।
श्री रघुनाथ मन्दिर विजय रामधाम के महंत महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दास महाराज ने कहा कि श्री रघुनाथ जी का मन्दिर देव है, गुरु महाराज विजयराम दासजी के त्याग, तपस्या, आराधना से, तब यह सिद्ध क्षेत्र बना है, यहां भक्तों की आस्था पर प्रभु ने बड़े चमत्कार किए हैं, इस प्रांगण में भक्तों ने भगवत कथा के रूप में अपने जीवन को सुधारने के लिए भगवत कथा का रसपान किया है, उनकी जीवन में नई ऊर्जा का विस्तार हुआ है।
इस अवसर पर दंदरौआ धाम के महंत श्री रामदास महाराज जी के साथ मंचासीन विभिन्न क्षेत्रों से आए महान संत विराजमान थे। तदुपरांत भगवान श्रीकृष्ण की रासलीलाओं का आनंद भी भगवत कथा का रसपान करने आए श्रृद्धालुओं ने लिया। इस मौके पर पूर्वमंत्री राकेश चौधरी, मप्र सरकार के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, वरिष्ठ पत्रकार प्रहलाद सिंह भदौरिया, नरेन्द्र सिंह धाकरे, हरेन्द्र सिंह धाकरे, गुड्डू भदौरिया ,राजस्व निरीक्षक विनोद सिंह तोमर, नवल सिंह परमार, हनुमंत सिंह तोमर, जनपद सदस्य अशोक सिंह गुर्जर, देवीसिंह तोमर, सरपंच खनेता राघवेन्द्र सिंह पवैया सहित हजारों श्रृद्धालु उपस्थित रहे।

अंतिम दिन की कथा आज

श्री रघुनाथ मन्दिर विजयराम धाम खनेता पर संचालित रामकथा का 17 फरवरी को अंतिम दिन है। मां कनकेश्वरी के मुखारविंद से आज कथा सुबह 11 बजे से होगी। दोपहर दो बजे के बाद रासलीला और समापन होगा। तमाम प्रदेशों के महान संतों का होगा, आगमन प्रशासन ने व्यवस्था के लिए विशेष कदम उठाए हैं।