जटाधारी मठ के मंहत श्रीश्री 1008 नंदूदास महाराज की ताजपोशी

भिण्ड, 01 जुलाई। वेसली नदी के किनारे हर किस्म के बृक्षों के सघन वन के नाम से सुविख्यात जटाधारी आश्रम में फलदार बृक्षों की अनेक किस्मों के साथ क्षायादार बृक्षों के इस सघन वन जिले की तहसील मेहगांव मे एक मनोहर सघनवन स्थिति है।
मेहगांव तहसील के मौ रोड पर स्थिति ग्राम अजनौल वेसली नदी के किनारे स्थित जटाधारी आश्रम के मंहत श्रीश्री 1008 तत्वानंद जी महाराज जी अपने जीवनकाल की 90 वर्ष की आयु प्राप्त करने उपरांत वृद्धावस्था के चलते आश्रम को सुचारू रूप से स्वव्यवस्थित रूप से संचालित बनाए रखने के लिए एवं संत परंपरा के अनुसार सुयोग्य संत को आश्रम की देखभाल करने एवं संतों के आवागमन पर संतों की सेवा परंपरागत सुव्यवस्थित सुचारू रूप से चलती रहे इस बावत सरल सहज संत श्रीश्री 1008 नंदूदास महाराज जी को सनातन पावन पर्व गंगा दशहरा की पावन वेला में क्षेत्र के गणमान्यजन के समक्ष आश्रम जटाधारी मठ का संपूर्ण दायत्व सौंपते हुए आश्रम की समस्त व्यवस्थाओं की देखभाल एवं संत समागम के सनातन संत परंपरा का निर्वहन करने का दायत्व सौपते हुए श्रीश्री 1008 नंदूदास महाराज जी की संत परंपरागत मंत्रोच्चारण के साथ माल्यार्पण तिलक करते हुए आश्रम के मंहत स्वरूप ताजपोशी की गई।
तत्वानंद महाराज जी दिव्यज्योति में विलीन स्वामी योगानंद सरस्वती जी महाराज बाराकलां को अपना गुरू बनाकर शिष्य परंपरा के बड़ी संजीदगी के साथ निर्वहन करते हुए आश्रम जटाधारी को विकसित एंव संरक्षित करने मे अपने जीवन काल के बहुमूल्य 50 वर्ष सेवाकाल में समर्पित किए, मगर समय के अनुसार अब अस्तांचल की ओर प्रस्थान से पूर्व अवधूत संत महामण्डलेश्वर श्रीश्री 1008 बालकदास महाराज के शिष्य श्रीश्री 1008 नंदूदास महाराज को आश्रम के मंहत स्वरूप ताजपोशी कर संपूर्ण भार सोपते हुऐ स्वयं भार मुक्त होकर अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक परमपिता की शरणागत शांतिपूर्ण जीवन निर्वहन करेंगे। इस अवसर पर डॉ. गजेन्द्र सिंह परमार, केप्टन रविद्र सिंह परमार, एडवोकेट रामनिवास सिंह भदौरिया धनोली, ब्रजमोहन सिंह कुशवाह बरहद, धर्मसिंह अजनौल, साहब सिंह, रामभुवन सिंह परमार, देवेन्द्र पाराशर बरहद, मुन्नेश शुक्ला सरसेड़ सहित आस-पास क्षेत्र के गांव से काफी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित हुए।