किशोरावस्था से ही सार्वजनिक जीवन का त्याग कर सन्यासी बने कौशल किशोर

आज विश्व के कई देशों में कर रहे सनातन संस्कृति का प्रसार

भिण्ड, 03 फरवरी। चंबल क्षेत्र के भिण्ड जिले की मेहगांव तहसील के ग्राम बरहद में पूर्व जन्मों के संचित शुभ कर्मों एवं भगवत कृपा से जन्में कौशल किशोर राजौरिया आज के परिवेश में महामण्डलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज के नाम से सुविख्यात है।
महाराजश्री द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष में अपनी अलौकिक ज्ञान, प्रभु भक्ति, एवं तीब्र ओज, भविष्य वाणी से सनातन धर्म का व्यापक प्रचार प्रसार किया है। महामण्डलेश्वर बचपन मे बरहद मेहगांव से अपनी प्राथमिक हाईस्कूल की शिक्षा ग्रहण करने के बाद महाराज जी के हृदय में भगवत प्राप्ति एवं जनकल्याण की भावनाओं का ज्वार हिलोरे लेने लगा, अपने जीवन को समाज और राष्ट्र को समर्पित करने का लक्ष्य मानकर परिवार और गांव से अपने रिश्ता की मोह माया त्यागकर को त्याग जनकल्याण के लिए अपने परिजनों से आशीर्वाद लेकर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हुए। परिजनों रिस्तेदारों एवं समस्त ग्रामीणजन इस दुविधा में जीते रहे आखिर इतना बड़ा कठोर निर्णय का भविष्य क्या होगा, बड़े भाग्य मानुष तन पावा, गोस्वामी तुलसीदास जी की रामायण की इस चौपाई को सार गर्भित करते हुए कौशल किशोर राजौरिया ने अपने जीवन काल में भगवत प्राप्ति हेतु कठोर साधना करते हुए अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाते हुए समाज और राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित कर दिया, जनकल्याण की भावना ने संपूर्ण भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप में सनातन धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार किया।

परम पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज की 29 जनवरी 2022 को विश्व के नंबर वन लोकप्रिय राजनेता और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। पूज्य महाराजश्री ने आज विश्वभर में सनातन संस्कृति का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए चंबल अंचल का भी गौरव बढ़ाया है। प्रधानमंत्री से उन्होंने आद्य जगद्गुरु भगवान शंकराचार्य की जयंती को सर्वात्मभाव दिवस के रूप में घोषित करवाने और आगामी 26, 27 मार्च को काशी में होने वाले विशाल सन्यासी समावेश का आमंत्रण दिया। जिसमें प्रधानमंत्री ने उत्सुकता पूर्वक रुचि दिखाई है। इस अवसर पर पूज्य स्वामीजी ने प्रधानमंत्री को अपने आश्रम से प्रकाशित तिथिपत्र, डायरी और स्वयं द्वारा लिखित ‘ईश्वरेच्छा बलीयसी’ नामक पुस्तिका भी भेंट की।
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