भागवत कथा में हुआ भगवान श्रीकृष्ण का प्रकटोत्सव

भिण्ड, 31 जनवरी। शा. स्कूल क्र.2 के पास स्थित महारानी अवंतीबाई मांगलिक भवन में 28 जनवरी से तीन फरवरी तक चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में कथा व्यास संत श्री अनिल पाठक जी महाराज ने आज भगवान श्रीकृष्ण के प्रकटोत्सव कथा को बड़े ही सरल, सरस तरीके से व्यक्त किया।
पाठक जी ने कहा कि अशुद्ध अंत:करण का नाम ही जगत है, जो व्यक्ति निरंतर भगवान की कथा का श्रवण करते हैं, उनका अंत:करण शुद्ध होकर वह व्यक्ति भगवान के भाव को उपलब्ध होता है। परंतु आत्मज्ञान होना और भगवान के प्रकट होने में अंतर है। भगवान भक्तों की पुकार पर हर युग में प्रकट होते हैं। जिसे संत लोग भगवान का एक प्रकटोत्सव/ अवतार कहते हैं। आज पाठक जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रकटोत्सव सुंदर कथा का वर्णन किया और भगवान के अवतार और ज्ञानी पुरुष में जो सूक्ष्म भेद होता है, इस गहन ज्ञान को बड़े ही दार्शनिक और मार्मिक शब्दों में वर्णन किया। भगवान के प्रकटोत्सव पर श्रोताओं को मिठाई प्रसाद वितरण किया गया।